डीरेका ने पाई बड़ी कामयाबी, इलेक्ट्रिक में तब्दील डीजल इंजन

वाराणसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया पहल के तहत डीजल रेल इंजन को विद्युत रेल इंजन में बदलकर इतिहास रचने की दिशा में कदम बढ़ाया है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत स्वदेशी तकनीक अपनाते हुए डीरेका (डीजल रेल इंजन कारखाना) ने यह इतिहास बनाया है। इसके लिए दो पुराने हो चुके डीजल इंजनों को चुना गया। ऐसे डीजल रेल इंजन के चेसिस, बोगी और ट्रैक्शन मोटर्स को बनाए रखा गया। बिजली इंजन की साइड की दीवारों और सेवा मुक्त छतों का उपयोग किया गया।

इस प्रॉजेक्ट में डीरेका के साथ-साथ आरडीएसओ, सीएलडब्ल्यू और बीएचईएल और इंजिनियरों ने एक साथ काम किया। पहला इंजन करीब-करीब 2 माह में बन गया। दूसरे पर काम अब शुरू हो गया है। अब इंतजार है यूनिट की सुरक्षा और रेटिंग परीक्षण का। ट्रैक पर आने से पूर्व, उसके बाद प्रोटॉटाइप यूनिट में अन्य संभावित सुधारों की जांच भी की जाएगी।

डीजल रेल कारखाना ने इसके पहले शोर कम करने वाले इंजन का भी मेक इन इंडिया के तहत निर्माण शुरू कर चुका है। अब तक 96 डेसीबल आवाज करने वाले इंजन बनाए जाते रहे हैं। नए प्रयोग के तहत अब 87 डेसीबल आवाज करने वाले इंजन बनने लगे हैं। इससे ध्वनि प्रदूषण पर जहां नियंत्रण होगा वहीं कैब में बैठे चालक दल के सदस्य आराम से ड्यूटी पूरी करेंगे।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच से डीरेका में मेक इन इंडिया मिशन के तहत इंजन में लगने वाले सभी पार्ट्स यहीं तैयार करने की हामी प्रबंधन से 2015 में भरवाई थी। डीरेका में तैयार डीजल रेल इंजन श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यामार, मलेशिया आदि देशों को निर्यात किए जाते हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

UP News, Uttar pradesh news, UP news in hindi, यूपी न्यूज़, समाचार, खबर