डिस्कॉम्स के पास कैश की कमी, राजधानी में पावर कट का डर

अनिंद्य उपाध्याय, नई दिल्ली

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और टाटा पावर की पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को कैश की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से दिल्ली के कई इलाकों में आने वाले दिनों में पावर कट हो सकता है। रेग्युलेटर का एक फैसला कंपनियों के पक्ष में न होने से उन्हें 1,000 करोड़ रुपये का और नुकसान हुआ है। इसके चलते कंज्यूमर्स के लिए इलेक्ट्रिसिटी और महंगी भी हो सकती है।

अगर ये कंपनियां ट्रांसमिशन और जेनरेशन फर्मों के साथ अपनी बकाया रकम का मुद्दा सुलझाने में नाकाम रहती हैं तो इससे आने वाले दिनों में राजधानी में पावर सप्लाई में रुकावट आ सकती है।

ये कंपनियां फ्यूल की कॉस्ट में उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए पावर परचेज अजस्टमेंट चार्जेज (पीपीएसी) की डिमांड कर रही हैं। पिछले वर्ष दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमिशन ने 7 पर्सेंट तक के चार्ज को मंजूरी दी थी, लेकिन अगले दिन ही यह फैसला वापस ले लिया गया था।

कैश की भारी कमी का सामना कर रही डिस्कॉम्स जुलाई 2014 से बकाया मुआवजे का भुगतान चाहती हैं।

टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के पास लगभग 300 करोड़ रुपये के कैश की कमी है, जबकि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की बीएसईएस यमुना और बीएसईएस राजधानी 700 करोड़ रुपये के अंतर का सामना कर रही हैं।

कंपनियों को अपनी ऑपरेशनल जरूरतों के लिए बैंक लोन लेने में भी दिक्कत हो रही है।

एक डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एग्जिक्युटिव ने बताया, ‘हर महीने फ्यूल कॉस्ट में इजाफा हो रहा है और यह नीचे नहीं आ रही। अगर समय पर इस बढ़ोतरी को अजस्ट नहीं किया गया तो हमारे लिए इंटरेस्ट कॉस्ट भी बढ़ जाएगी। यह कंज्यूमर के हित में नहीं है क्योंकि इससे टैरिफ में 10 पर्सेंट की बजाय 20 पर्सेंट की वृद्धि हो सकती है।’

इंडस्ट्री से जुड़े एग्जिक्युटिव्स ने कहा कि अगर पीपीएसी समय पर दिया जाता तो जेनरेशन और ट्रांसमिशन कंपनियों के साथ पेमेंट से जुड़ी समस्या नहीं होती।
बीएसईएस यमुना और बीएसईएस राजधानी को हाल ही में पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (पीजीसीआईएल) ने सप्लाई काटने का नोटिस दिया था। इससे आने वाले दिनों में राजधानी के कई हिस्सों में बिजली कटौती हो सकती है।

हालांकि, इन कंपनियों के एग्जिक्युटिव्स का कहना है कि राजधानी में बिजली कटौती की अभी आशंका नहीं है क्योंकि ये दोनों कंपनियां इस मुद्दे को जल्द सुलझाने के लिए बैंकों और पीजीसीआईएल से बातचीत कर रही हैं।

दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटर डीईआरसी क्वॉर्टरली आधार पर पीपीएसी की अनुमति देता है, लेकिन पिछले दो क्वॉर्टर्स से ये नहीं दिया जा रहा। नवंबर 2014 में डीईआरसी ने बीवाईपीएल को 7 पर्सेंट, बीआरपीएल को 4.5 पर्सेंट और टीपीडीडीएल को 2.5 पर्सेंट पीपीएसी की अनुमति दी थी, लेकिन यह फैसला 24 घंटे के अंदर वापस ले लिया गया था।

एक एग्जिक्युटिव ने आरोप लगाया था कि इसके पीछे दिल्ली में विधानसभा चुनाव की वजह से राजनीतिक दबाव था।

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Navbharat Times

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