डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए आधार बेस्ड ई-केवाईसी को दें बढ़ावा

नई दिल्ली
फाइनैंशल रेग्युलेटर्स के प्रतिनिधियों के एक पैनल ने कहा है कि आधार-युक्त इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर (केवाईसी) को स्थापित किए जाने और प्रमाणित केवाईसी के रूप में मान्यता दिए जाने पर जोर दिया है। हाउसहोल्ड फाइनैंशल कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जहां भी किसी को एक केवाईसी डॉक्युमेंट देना हो, वह अपने आधार की मदद से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही अपना केवाईसी दे सकेगा। यूजर यूआईडीएआई की मदद से खुद के डेटा को इस्तेमाल करने को ऑथराइज कर सकेंगे।

हाउसहोल्ड फाइनैंस के विभिन्न पहलुओं के अध्ययन के लिए बनी इस कमिटी ने कहा कि वर्तमान में यह प्रक्रिया ज्यादातर फाइनैंशल कामों के लिए केवाईसी के रूप में और सिम कार्ड लेने के काम कर रही है। कमिटी ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि डिजीलॉकर को सभी नैशनलाइज्ड बैंको, ब्रोकर्स और इंश्योरेंस फर्म्स तक पहुंचाई जाए, जिससे कि वे पॉलिसी देने, फिक्स्ड डिपॉजिट करने और सर्टिफिकेट्स शेयर करने में इस सुविधा का फायदा ले सकें।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कमिटी ने कहा कि हम चाहते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक डेटा शेयरिंग को आसान बनाया जाय, जिससे कि लोग अपनी संपत्तियो का ब्योरा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दे सकें।’ बता दें कि डिजीलॉकर एक ऐसा प्लैटफॉर्म है जिससे कि डॉक्युमेंट्स और सर्टिफिकेट्स को डिजिटल तरीके से जारी और प्रमाणित किया जाता है। कमिटी की सलाह है कि सभी केवाईसी डिजीलॉकर में उपलब्ध हों, जिन्हें यूजर्स की परमिशन से संस्थाएं भी प्राप्त कर सकें।

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