जीएसटी: दिल्ली सरकार हुई एक्टिव

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी को लेकर कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दरें तय किए जाने के बाद दिल्ली सरकार भी एक्टिव हो गई है। इस मसले पर आज वैट कमिश्नर ने राजधानी के विभिन्न कारोबारियों संगठनों के साथ एक बैठक बुलाई है। बाद में इन सुझावों को वित्त मंत्री को पेश किया जाएगा, ताकि वह जीएसटी काउंसिल में उसे रख सकें। दूसरी ओर दिल्ली के कारोबारियों ने भी केंद्र सरकार के आगे अपनी कुछ मांगे रखी हैं और कुछ छूट भी मांगी है।

केंद्र सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कल जीएसटी को लेकर कुछ वस्तुओं की टैक्स की दरें निर्धारित की हैं। वैसे सभी दरें अभी फाइनल नहीं हुई हैं। इस मसले पर केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई जीएसटी काउंसिल 24 व 25 नवंबर को सभी राज्यों के मंत्रियों के साथ बैठक करेगी, जिसके बाद जीएसटी का फाइनल प्रारूप तय किया जाएगा। इन सभी के बीच दिल्ली सरकार ने लगने वाले टैक्सों को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। इस मसले पर दोपहर बाद वैट कमिश्नर एच राजेश प्रसाद ने एक बड़ी मीटिंग बुलाई है, जिसमें दिल्ली के सभी बड़े कारोबारी संगठनों को बुलाया गया है। सूत्र बताते हैं कि इस मीटिंग में कारोबारी नेताओं ने जीएसटी पर उनके सुझाव व मांगे ली जाएगी। इन सभी को वैट कमिश्नर वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया को प्रेषित करेंगे, जिसे वह कांउसिल के आगे रखकर दिल्ली के हक में कुछ मांगे पूरी करवाएंगे।

दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के ट्रेड विंग ने जीएसटी के स्वरूप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मांग की है कि सालाना पांच करोड़ रूपये तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में होना चाहिए क्योंकि दोहरे नियंत्रण से व्यापारियों की कंप्लायंस कोस्ट भी बढ़ोगी और कानूनी उलझने भी बढ़ जाएंगी। विंग के कन्वीनर बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल के अनुसार दिल्ली के व्यापारी चाहते हैं कि उन पर एक ही ऑथोरिटी का नियंत्रण रहे और व्यवस्था पूरी तरह सरल होनी चाहिए। केन्द्र सरकारी द्वारा प्रस्तावित जीएसटी के स्वरूप में सालाना डेढ़ करोड़ रुपये तक के कारोबारियों को राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में रखा गया है और डेढ़ करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों को केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में रखा गया है , लेकिन दिल्ली के कारोबारियों का मानना है कि डेढ करोड़ की लिमिट काफी कम है और इसको बढाकर पांच करोड़ करना चाहिए।

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