जीएसटी दर बहुत उंची नहीं होनी चाहिये: अमित मित्रां

कोलकाता, तीन अगस्त :: पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्रियों की प्राधिकृत समिति के चेयरमैन अमित मित्रा ने कहा है कि वस्तु एवं सेवाकर :जीएसटी: के तहत जो दर तय की जायेगी वह संविधान संशोधन विधेयक का हिस्सा नहीं होगी।

मित्रा ने यहां उद्योग मंडल फिक्की के बैंकिंग सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा, कर का स्तर क्या होगा? इसके पीछे विचार यही है कि ऐसा कर हो जिससे कि आम आदमी पर महंगाई का दबाव नहीं बढ़े।

मित्रा ने कहा, दर ऐसी होगी जो न तो बहुत उंची होगी और न बहुत कम होगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी संविधान संशोधन से जुड़े संविधान के 122वें संशोधन से संबंधित विधेयक 2014 को लेकर हो रही चर्चा में कर की दर पर कोई चर्चा नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि जीएसटी दर को संसद में इस विधेयक के पारित होने के दो से तीन माह बाद तय किया जायेगा।

राज्यसभा में आज वस्तु एवं सेवाकर संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के साथ राजनीतिक अर्थशास्त्र भी जुड़ा है।

मित्रा ने कहा कि भारत उन कुछ गिने चुने देशों में से है जो कि इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया में है। कनाडा में जीएसटी है, मलेशिया में भी यह है। कुछ और भी देश हैं जो कि जीएसटी पर विचार कर रहे हैं।

जीएसटी की क्षतिपूर्ति को लेकर मित्रा ने कहा यदि राज्यों का राजस्व घटता है तो केन्द्र को इसकी पूरी भरपाई करनी चाहिये।

मित्रा ने इसके साथ ही बैंकों से भी कहा कि वह पश्चिम बंगाल की प्रत्येक ग्राम पंचायत में अपनी शाखा खोलें।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

बिज़नस न्यूज़, व्यापार समाचार भारत, वित्तीय समाचार, News from Business