जलभराव: दिल्ली सरकार का एक्शन प्लान

रामेश्वर दयाल

मॉनसून के दौरान राजधानी में पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर होने वाले जलभराव से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक्शन प्लान बना लिया है। इसके लिए हर जिले में नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है। विभाग का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो जल निकासी के लिए अलग से स्टाफ की नियुक्ति भी की जाएगी। इसके अलावा दूसरे विभाग भी पीडब्ल्यूडी से समन्वय बनाए रखेंगे

मॉनसून के दौरान राजधानी की सड़कों पर जलभराव लगातार गंभीर समस्या बनी रहती है। उसके पीछे कारण यह है कि राजधानी की सड़कें कई विभागों के अधीन हैं और वे ही खुद उनका रखरखाव करती हैं। मिली जानकारी के अनुसार राजधानी में सड़कों की लंबाई करीब 30 हजार किलोमीटर हैं, इनमें से करीब दो हजार किलामीटर लंबी सड़कें पीडब्ल्यूडी के पास हैं। इनमें करीब 800 किलोमीटर वे सड़कें भी शामिल हैं, जो कुछ साल पहले पीडब्ल्यूडी ने एमसीडी से ले ली थी। मोटे तौर पर दिल्ली की प्रमुख सड़कें पीडब्ल्यूडी के पास हैं, जिनमें रिंग रोड व आउटर रिंग रोड भी शामिल है। मॉनसून के दौरान इन सड़कों पर गंभीर जलसंकट न खड़ा हो जाए, इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने एक्शन प्लान बनाकर तैयार कर लिया है।

दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि विभाग ने जलभराव से निपटने के लिए पहले से ही व्यवस्था कर ली है। चूंकि पीडब्ल्यूडी की सड़कें राजधानी की प्रमुख सड़कें हैं, इसलिए समस्या से निजात के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। ये अधिकारी जरूरत के हिसाब से स्टाफ की व्यवस्था तो करोगा ही साथ ही जलभराव के संकट से निजात के लिए उन विभागों के अफसरों से भी लगातार संपर्क में रहेगा, जिनके पास भी उनकी सड़कों के रखरखाव का जिम्मा है। उन्होंने कहा कि इस दौरान अगर ज्यादा स्टाफ की जरूरत होगी तो उसे मॉनसून के दौरान कॉन्टेक्ट आधार पर रख लिया जाएगा। सरकार चाहती है कि मॉनसून के दौरान दिल्ली जाम न हो जाए। जैन के अनुसार तीनों एमसीडी कमिश्नर को भी ताकीद कर दिया गया है कि मॉनसून के दौरान वे अपनी सड़कों पर जलभराव से निपटने के लिए कारगर उपाय करें और इस दौरान अपने स्टाफ को लगातार नोडल अधिकारी से समन्वय बनाने के लिए आदेश दें।

गौरतलब है कि पीडब्ल्यूडी ने एमसीडी से जो सड़कें ली हैं, उनके रखरखाव, दुरुस्त और दोबारा निर्माण की जिम्मेदारी तो पीडब्ल्यूडी के पास है, लेकिन सफाई का जिम्मा अभी भी अलग अलग क्षेत्रों में तीनों एमसीडी के पास है। सरकार ने एमसीडी को कह दिया है कि वह पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर लगातार सफाई व्यवस्था बनाए रखे, लेकिन मॉनसून के दौरान अगर जलभराव होता है तो पीडब्ल्यूडी के अधिकारी उसका निदान करेंगे। इस मामले में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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