घरेलू उद्योगों का होगा रजिस्ट्रेशन

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

घरेलू उद्योग चलाने वालों को परेशानी से बचाने और अपना राजस्व बढ़ाने के लिए साउथ एमसीडी ने घरेलू उद्योगों का रजिस्ट्रेशन करने का निर्णय लिया है। इस रजिस्ट्रेशन का लाभ यह होगा कि इन उद्योगों को चलाने में किसी प्रकार का झंझट नहीं झेलना पड़ेगा। सिर्फ उन्हीं घरेलू उद्योगों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा जिनसे प्रदूषण न फैलता हो। अपना राजस्व बढ़ाने के लिए साउथ एमसीडी और भी उपाय करने जा रहा है।

साउथ एमसीडी के क्षेत्र में बेहिसाब घरेलू उद्योग चल रहे हैं। खासकर गांवों और अनधिकृत कॉलोनियों में इनकी भरमार है। इन घरेलू उद्योगों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाता, इसलिए इन्हें लाइसेंस आदि भी नहीं मिलते हैं। जिसका खामियाजा यह रहता है कि जब-तब इनके खिलाफ एक्शन होता रहता है, साथ ही चलाने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब इस समस्या को खत्म करने और अपना राजस्व बढ़ाने के लिए साउथ एमसीडी ने घरेलू उद्योगों का रजिस्ट्रेशन करने का निर्णय लिया है। यह रजिस्ट्रेशन हाउसहोल्ड स्कीम के तहत किया जाएगा।

साउथ एमसीडी के एक आला अधिकारी के अनुसार सिर्फ उन्हीं उद्योगों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, जो प्रदूषण नहीं फैलाते हैं। इस मसले पर दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी के नियमों का पालन किया जाएगा। इनमें उन घरेलू उद्योगों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, जो रंगाई आदि करते हैं या फर्नीस आदि का इस्तेमाल करते हैं। अधिकारी के अनुसार इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर लिया है और रजिस्ट्रेशन फीस आदि भी तय कर ली गई है। इस प्रस्ताव को स्थायी समिति की आगामी बैठक में रखा जाएगा, वहां से पारित होते ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अधिकारी के अनुसार साउथ एमसीडी अपना राजस्व बढ़ाने के लिए राजधानी के प्रमुख टोल नाकों पर रेडिया फ्रीक्वेंसी डिवाइस सिस्टम लगाने जा रही है। इस सिस्टम को लगाने से इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि नाके से कितने वाहन गुजरे और वे किस प्रकार के थे। इस सिस्टम से इस बात की आसानी से जांच हो सकेगी कि कितना टोल टैक्स प्राप्त किया गया है।

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