ग्राहकों को GST का फायदा दिलाने के लिए मॉलों, दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं मोदी सरकार के बड़े-बड़े अफसर

सचिन दवे, मुंबई
सरकार ने कई बड़े से छोटे शहरों तक बड़े-बड़े अफसरों को तैनात कर दिया है जो कारोबारियों, थोक एवं खुदरा माल विक्रेताओं के चक्कर लगा रहे हैं ताकि जीएसटी में निहित मुनाफाखोरी के खिलाफ कानून का उल्लंघन नहीं किया जा सके। करीब 200 सीनियर आईएएस, आईआरएस और आईएफएस अधिकारी अपने-अपने इलाके में जरूरी वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने में जुटे हैं। साथ ही, वो कीमतों पर भी नजर बनाए हुए हैं।

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ये वरिष्ठ अधिकारी गुजरात के वडोदरा से ओडिशा के मयूरभंज, जम्मू-कश्मीर के राजौरी से तमिलनाडु के कृष्णागिरी तक के स्थानीय बाजारों का दौरा कर पड़ताल कर रहे हैं कि जीएसटी अच्छी तरह से लागू हो रहा है या नहीं। एक सीनियर टैक्स अधिकारी ने ईटी को बताया, ‘कुछ शिकायतें थीं कि कई कारोबारी ग्राहकों को जीएसटी का फायदा नहीं दे रहे हैं। अधिकारी सरकार को सूचित करेंगे कि कहीं मुनाफाखोरी तो नहीं हो रही या कुछ ऐसा तो नहीं हो रहा जिससे महंगाई के हालात पैदा हो सकते हैं।’

ईटी ने उस सर्कुलर की कॉपी देखी है जिसमें अधिकारियों से सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जीएसटी सही तरीके से लागू हो और ग्राहकों से ज्यादा पैसे नहीं वसूले जा रहे हों। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से 4 जुलाई को जारी ज्ञापन में सीनियर अफसरों से यह देखने को कहा गया है कि दुकानदार, होटल, रिटेलर्स आदि ग्राहकों को जीएसटी का फायदा दे रहे हैं कि नहीं।

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अधिकारियों की शुरुआती जांच में पता चला है कि कई कंपनियां और रिटेलर्स पिछले एक महीने की सेल्स को दूसरे महीने में दिखाकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। जीएसटी लागू होने के चार दिनों के अंदर अधिकारियों ने पता लगा लिया कि रिटेलर्स सरकार की आंख में धूल झोंकने के लिए कई तरह के खेल कर रहे हैं।

एक टैक्स अधिकारी ने बताया, ‘जीएसटी की वजह से महंगी हुई जिन वस्तुओं की बिक्री जुलाई स्टॉक से हो रही रही है, रिटेलर्स उन्हें जून के स्टॉक का बता रहे है और जून स्टॉक की सस्ती हुई वस्तुओं की बिक्री को वो जुलाई स्टॉक का बता रहे हैं।’ वहीं, कुछ रिटेलर्स जीएसटी दरों की विभिन्न श्रेणियों का बेजा फायदा उठाने की कोशिश में जुटे हैं। सिस्टम से छेड़छाड़ के ये मामले दर्ज किए जा रहे हैं और कुछ कारोबारी दंडित किए जाएंगे।

केरल के वित्त मंत्री आइजक थॉमस ने कहा कि कुछ सेक्टर ऐसे हैं जहां जीएसटी के नियमों का उल्लंघन संभव है। उन्होंने कहा कि मारबल जैसे कुछ सेक्टरों में खरीदार और विक्रेता, दोनों चालाकी करने लगें तो लेनदेन को जीएसटी से बाहर रखा जा सकता है। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि मुनाफाखोरी के खिलाफ नियम लागू करने में कठिनाई हो सकती है क्योंकि कंपनियां और रिटेलर्स कोर्ट का रुख कर सकते हैं।

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