गलत ब्लड से हुई थी मरीज की मौत, डॉक्टर भरेंगे हर्जाना

वरिष्ठ संवाददाता, कानपुर
कन्जयूमर फोरम ने गलत ब्लड ट्रांसफ्यूझन से महिला की मौत के मामले में GSVM मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक के तत्कालीन इंचार्ज पर 5 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। 7 साल पुराने इस केस में कानपुर मेडिकल सेंटर के इंचार्ज और डॉक्टर पीयूष मिश्रा भी बतौर हर्जाना 2-2 लाख रुपये चुकाएंगे। इस मामले में ब्लड बैंक ने B-पॉजिटिव ब्लड को O-पॉजिटिव बताकर सप्लाई किया था।

कानपुर देहात के रिजवान ने नवंबर-2009 में अपनी बीवी यासमीन 28 को पेट दर्द होने पर कानपुर मेडिकल सेंटर में डॉक्टर पीयूष मिश्रा की देखरेख में एडमिट कराया था। डॉक्टर के कहने पर रिजवान ने रिश्तेदारों के साथ ब्लड डोनेट कर मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक से ओ-पॉजिटिव ब्लड लिया गया। एक दिन बाद दोबारा ब्लड मंगाया गया। हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड किया तो पता चला कि यासमीन के पेट में पानी भरा है। इंजेक्शन से सैंपल लेने पर इसके ब्लड होने की पुष्टि हुई।

अगले दिन ऑपरेशन के लिए डॉ. राजन लूथरा ने 4 यूनिट ब्लड और मंगाया। ब्लड ट्रांसफ्यूझन और ऑपरेशन के बाद यासमीन की मौत हो गई। जांच में पता चला कि ब्लड बैंक ने O-पॉजिटिव लेबल लगाकर B-पॉजिटिव ब्लड दिया था। इससे यासमीन को इंफेक्शन हो गया था। फोरम ने इसे डॉक्टरों की लापरवाही माना और दोबारा ब्लड चेक न करने की उनकी दलील खारिज कर दी। साथ ही इसे ब्लड बैंक की घोर लापरवाही मानते हुए कहा कि तत्कालीन इंचार्ज डॉ. पीके सिंह का प्रैक्टिस लाइसेंस MCI को कैंसल कर देना चाहिए।
फोरम ने तथ्यों और हालत के मद्देनजर डॉ पीके सिंह पर 5 लाख, डॉ. पीयूष मिश्रा और कानपुर मेडिकल सेंटर के इंचार्ज डॉ. राजन लूथरा पर 2-2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

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