क्या कांग्रेस का खोया जनाधार वापस आ रहा है?

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

कांग्रेस की कल रामलीला मैदान में हुई जनाक्रोश रैली ने दिल्ली के नेताओं के चेहरे पर रौनक ला दी है। वे अब मान रहे हैं कि उनका खोया जनाधार वापस लौटने लगा है। उनका यह भी कहना है कि पिछले चुनाव में जो वोट बैंक आम आदमी पार्टी की ओर मुड़ गया था, वह अब वापस आने लगा है। इसके बावजूद पार्टी आराम नहीं करने वाली। उसके जन अभियान लगातार चलते रहेंगे। विधानसभा की 20 सीटों पर संभावित उपचुनाव पर है कांग्रेस की नजर।

रामलीला मैदान की रैली को लेकर भीड़ के जो भी दावे किए जा रहे हैं, उसके बावजूद इस रैली ने यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस के पास अभी भी जमीन से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है। कांग्रेस का यह दावा सही होता नजर आ रहा है कि इस बार भीड़ जुटाने के लिए कोई अलग से ‘प्रयास’ नहीं किए गए। कार्यकर्ता और नेता खुद ही रैली में आए और उनका उत्साह देखते ही बनता था। वैसे पार्टी का कहना है कि कार्यकर्ताओं को रैली में लाने के लिए 560 बसों का इंतजाम किया गया था। पार्टी इस बात से खुश है कि इन बसों में बैठने के लिए लोगों ने उत्साह दिखाया और रैली में भरी बसें आईं। नेता इस बात से भी खुश नजर आए कि रैली समाप्त होने के बाद भी वहां भीड़ आती-जाती रही और लोग पार्टी की जय-जयकार करते रहे।

रैली के यही नजारे पार्टी नेताओं के चेहरे की रौनक बढ़ा रहे हैं। वे मान रहे हैं कि अब पार्टी का जनाधार वापस लौटने लगा है। लोगों को अब समझ में आने लगा है कि शासन चलाने का तजुर्बा कांग्रेस के पास है। पार्टी के आला नेता के अनुसार पिछले विधानसभा व निगम चुनाव में कांग्रेस का वोट आम आदमी पार्टी की ओर चला गया। हम मानते हैं कि आप नेताओं ने उन्हें बरगलाया। लेकिन दिल्ली के लोगों को समझ आने लगा है कि राजधानी का विकास तो कांग्रेस ही कर सकती है। पार्टी नेता का दावा है कि हम जो लगातार सर्वे कर रहे हैं, उसके अनुसार दिल्ली का करीब 65 प्रतिशत माइनॉरटी वोट वापस कांग्रेस की ओर झुक गया है। इसके अलावा दलित वोटर भी अब हमारी ओर देख रहा है। बस उस वोट को कांग्रेस में वापस मोड़ने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है जो ‘बिजली-पानी’ के लाभ के चलते आप से जुड़ा हुआ है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता चतर सिंह के अनुसार फिलहाल पार्टी गदगद है, इसके बाद भी हम आराम नहीं फरमाने वाले। हम लगातार जन अभियान चलाते रहेंगे, ताकि वोटरों में कांग्रेस का विश्वास बढ़े। उनका यह भी कहना है कि दिल्ली विधानसभा की 20 सीटों के कभी भी
उपचुनाव हो सकते हैं। इन चुनावों में हमारी भागीदारी गंभीर होगी और दिल्ली में हमारा जनाधार वाला रूप नजर आएगा। गौरतलब है कि विधानसभा के साल 2013 में हुए चुनाव में कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी। दोबारा 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं पा सकी थी। इसी तरह पिछले साल हुए एमसीडी चुनाव में कांग्रेस को 32 वॉर्ड में ही जीत हासिल हुई थी। अब अपने जनाधार को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश कांग्रेस में आज चाय-पार्टी रखी गई है, जिसमें भविष्य की रणनीति बनाई जाएगी।

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