कोई भी गवर्नर आरबीआई को चला लेगा, इसे व्यक्ति आधारित न बनाएं: रघुराम राजन

लंदन
रघुराम राजन द्वारा आरबीआई के गवर्नर के दूसरे कार्यकाल से इनकार करने के बाद इसे लेकर काफी गहमा-गहमी मची हुई है। आर्थिक विश्लेषक और उद्योग जगत जहां राजन के इस फैसले से निराश है, वहीं खुद राजन इस पर बिल्कुल इतर राय देते नजर आ रहे हैं। ‘द इकनॉमिस्ट’ को दिए गए इंटरव्यू में राजन ने कहा है कि कोई भी गवर्नर आरबीआई को चला लेगा। राजन ने कहा कि उनके दफ्तर (आरबीआई) को व्यक्ति आधारित बनाने की जरूरत नहीं।

रघुराम राजन ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया कि वह बतौर आरबीआई गवर्नर दूसरा कार्यकाल नहीं लेने वाले। आईएमएफ के पूर्व चीफ राजन की इस घोषणा के बाद आर्थिक जगत से काफी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। राजन को 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी की भविष्यवाणी के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने सिंतबर 2013 में आरबीआई गवर्नर का पद संभाला था।

राजन ने अपने इंटरव्यू में कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इस ऑफिस (आरबीआई) को व्यक्ति आधारित न बनाया जाए। इसे कोई गवर्नर चला लेगा। यह (आरबीआई) किसी भी गवर्नर से बड़ा है।’ राजन ने शनिवार को तमाम आशंकाओं को विराम देते हुए घोषणा कर दी थी कि वह सेकंड टर्म नहीं लेंगे।

महंगाई के फ्रंट पर अच्छा काम करने और बैंकों के बैड लोन की रिकवरी को लेकर कड़ा रुख अख्तियार करने के लिए राजन की तारीफ की गई है। साथ ही साथ इकॉनमी को बूस्ट करने के लिए इंट्रेस्ट रेट को कम करने की मांग नहीं मामने जैसे कामों के लिए आलोचना भी की गई है।

राजन की घोषणा के बाद अपने वेब एडिशन के दूसरे लेख में ‘द इकनॉमिस्ट’ ने इसे भारत के फेवरिट ‘पार्लर गेम्स’ का अंत बताया है। साथ ही यह भी जोड़ा है कि बैंकिंग सिस्टम की सफाई के लिए राजन द्वारा उठाए जा रहे कदम से भारत के ताकतवार उद्योगपति नाराज हुए थे।

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