कालेधन प्रवाह पर अंकुश लगाने के लिए पी-नोट्स के कड़े नियमांे को मंजूरी

मुंबई, 26 अप्रैल :भाषा: शेयर बाजार में अवैध धन के प्रवाह को रोकने के लिये भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी: ने पी-नोट्स के जरिये निवेश को और कड़ा किया है। पूंजी बाजार नियामक ने कालेधन के प्रवाह पर अंकुश लगाने के लिए निवासी भारतीय के साथ साथ प्रवासी भारतीयांे के भी पार्टिसिपेटरी नोट्स :पी-नोट्स: के जरिये निवेश करने पर रोक लगाने का फैसला किया है।

नियामक का यह फैसला पी-नोट्स के लिए नियामकीय ढांचे को मजबूत बनाने के प्रयासों का हिस्सा है। पी-नोट्स को कालेधन को विदेशों से घुमाफिराकर देश में निवेश करने के साधन के तौर पर देखा जाता है। लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि इसका कालेधन के मामले में दुरपयोग किया जाता है।

ऐसा नहीं है कि प्रवासी भारतीयों और निवासी निवेशकों के लिये पी-नोट्स में निवेश से रोकने के बारे में निर्देश नहीं हैं। बार-बार पूछे जाने वाले सवालांे के रूप में यह निर्देश पहले से हैं लेकिन सेबी निदेशक मंडल ने अब नियमनों मंे इसके नए प्रावधानांे को मंजूरी दे दी है।

ऐसा माना जाता रहा है कि वर्तमान में ये प्रतिबंध केवल आमतौर पर पूछे जाने वाले सवालों के तौर पर ही हैं इसलिये वित्त मंत्रालय ने नियामक से अंकुश नियमों में संशोधन के जरिये लागू करने को कहा है।

चेयरमैन के रूप में अजय त्यागी की अध्यक्षता में सेबी के निदेशक मंडल की पहली बैठक में एफपीआई नियमनों में नए प्रावधान को जोड़ने की अनुमति दी गई जिसमें एनआरआई को ओडीआई :पी-नोट्स: के जरिये भारतीय पूंजी बाजार में निवेश पर अंकुश लगाने को मंजूरी दी गई।

नियामक ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद जारी विग्यप्ति में कहा कि नियमनांे में एक एक्सप्रेस प्रावधान जोड़ा जाएगा जिसमें निवासी भारतीयों्-एनआरआई या उनकी इकाइयांे को पी-नोट्स के जरिये निवेश पर

रोक होगी।

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