कानून व्यवस्था को लेकर सपा-बसपा ने किया सदन से वॉकआउट

लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बुधवार को समाजवादी पार्टी(सपा) और बहुजन समाज पार्टी(बसपा) सदस्यों ने कानून-व्यवस्था से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वॉकआउट किया। शून्य काल के दौरान सपा सदस्यों ने कार्यस्थगन की सूचना देते हुए राज्य की कानून-व्यवस्था की दुर्दशा का आरोप लगाया और बीती छह जून को सीतापुर में एक गल्ला व्यवसायी, उसकी पत्नी तथा बेटे की हत्या के मामले पर सदन का बाकी काम रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की।

कार्यस्थगन सूचना की ग्राह्यता पर बल देते हुए सपा सदस्य नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि सीतापुर में गत छह जून को सिविल लाइंस जैसे वीआईपी इलाके में व्यापारी सुनील जायसवाल, उनकी पत्नी और बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गयी और पुलिस ने मामले में फर्जी खुलासा कर दिया। यह एक गम्भीर विषय है, लिहाजा सदन की बाकी कार्यवाही रोककर इस पर चर्चा करायी जाए। सदन में सपा और विपक्ष के नेता अहमद हसन ने कहा कि उत्तर प्रदेश इस समय ‘क्राइम प्रदेश ‘ बन गया है। प्रदेश की भाजपा सरकार के शुरुआती 100 दिनों में हत्या की 1229, बलात्कार की 1321 तथा लूट की 1201 वारदातें हुई हैं। प्रदेश में अपराध चार गुना बढ़ चुका है।

उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने इस सूचना पर जवाब देते हुए कहा कि सपा के शासनकाल में मुकदमे दर्ज नहीं होते थे। जब अपराध पंजीकृत नहीं होते हैं तो अपराधी का मनोबल बढ़ता है। मौजूदा भाजपा सरकार ने मुकदमे के लिए आनलाइन व्यवस्था की है। जब मुकदमे दर्ज होंगे तो उनकी संख्या भी बढ़ेगी।

शर्मा ने कहा कि किसी भी अपराध की जांच में सर्विलांस काफी महत्वपूर्ण होता है। सीतापुर में व्यापारी और उसके परिवार की हत्या के मामले में इसी सर्विलांस के आधार पर अब्दुल गनी और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया गया है। यह सरकार किसी अपराधी को नहीं छोड़ेगी। हम इस मामले में नतीजे तक पहुंचेंगे। नेता विपक्ष अहमद हसन ने इस पर कहा कि यह सरकार अपराध नियंत्रण को लेकर बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है। इस पर सपा के सभी सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर गए।

बाद में बसपा सदस्यों सुनील कुमार, दिनेश चन्द एवं सुरेश कुमार कश्यप ने 26-27 जून की रात रायबरेली जिले के ऊंचाहार स्थित भुसई इटौरा गांव में पांच लोगों को कार में जिंदा जलाने का मामला उठाया और इस पर सदन का बाकी काम रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की। सूचना की ग्राह्यता पर सुनील कुमार, असम्बद्ध सदस्य नसीमुद्दीन सिद्दीकी, कांग्रेस सदस्य दिनेश प्रताप सिंह एवं नेता विरोधी दल अहमद हसन ने विचार व्यक्त किए। नेता सदन दिनेश शर्मा ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया लेकिन जवाब से संतुष्ट ना होने पर बसपा सदस्य सदन से बाहर चले गए।

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