कानपुर के चौराहों पर राष्ट्रवाद की किताबें बेचेगा RSS

वरिष्ठ संवाददाता, कानपुर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता 20 मार्च को कानपुर के हर चौराहे पर राष्ट्रवाद की किताब बेचेंगे। इन किताबों में भीमराव आंबेडकर से संबंधित साहित्य भी होगा। संघ के कानपुर प्रांत के संघचालक वीरेंद्रजीत सिंह के अनुसार, घर-घर जाकर भी साहित्य बेचने की योजना है। कई बार लोग संघ से संबंधित चीजों को पढ़ना चाहते हैं, लेकिन ओपन मार्केट में यह मिलता नहीं है।

कानपुर में आरएसएस की 300 से ज्यादा शाखाएं लगती हैं। एक अनुमान के मुताबिक शहर में करीब 16 हजार स्वयंसेवक हैं। प्रांत प्रचार प्रमुख मोहन अग्रवाल ने बताया कि इस पूरे प्रोग्राम को ‘साहित्य ज्ञान यज्ञ’ के नाम से जाना जाएगा। स्वयंसेवक छोटे-छोटे ग्रुप्स में बंटकर प्रमुख जगहों पर ये किताबें बेचेंगे।

सबसे सस्ती किताब 20 रुपये और सबसे महंगी 100 रुपये की होगी। माना जाता है कि लोग वही किताब पढ़ते हैं, जो वे खरीदते हैं, इसलिए इसके पैसे लिए जा रहे हैं। 18 तरह की किताबों के टाइटल ‘युवाओं का राष्ट्र की उन्नति में योगदान’, ‘आओ जानें भारत’, ‘डॉ. आंबेडकर का राष्ट्रीय चिंतन’ और ‘मूल्यांकन’ आदि हैं।

कानपुर प्रांत के 16 जिलों में 2015 में 1315 शाखाएं चलती थीं, जो 2016 में बढ़कर 1385 हो गईँ। पूरे यूपी में संघ की 10 हजार से ज्यादा शाखाएं चल रही हैं। वेबसाइट पर भी संघ से जुड़ने वाले युवाओं की तादाद लगातार बढ़ रही है।

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