कानपुर एयरपोर्ट के लिए एक हफ्ते में मिलेगी 8 हेक्टेयर जमीन

कानपुर
केंद्र सरकार की तरफ से कानपुर एयरपोर्ट को घरेलू फ्लाइट्स के लिए चालू करने के ऐलान के बाद जमीन लेने का प्रॉसेस तेज हो गया है। दूसरे राउंड में मुआवजा देने के लिए मिले 29 करोड़ रुपये के बाद रजिस्ट्री का काम तेज हो गया है। एडीएम (लैंड एक्विजिशन) आशुतोष मोहन अग्निहोत्री के अनुसार, 7-8 अगस्त तक करीब 8 हेक्टेयर जमीन और मिल जाएगी। उम्मीद है कि इस बार अधिकतर काम निपट जाएगा।

कानपुर जिला प्रशासन ने अभियान चलाकर मई में सिविल एयरपोर्ट के लिए 5 हेक्टेयर जमीन किसानों से ली थी। सर्कल रेट से डबल मुआवजे के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री गवर्नर के नाम पर हुई थी। इसके बाद बजट खत्म होने से काम अटक गया था। केंद्र सरकार के प्रस्ताव के बाद प्रशासन को 29 करोड़ रुपये और मिले। एडीएम के अनुसार, किसानों से टोटल 17 हेक्टेयर जमीन ली जानी है। बची हुई 5 एकड़ जमीन ग्राम समाज की होगी। मवैया और चकेरी गांव के 205 किसान इस प्रक्रिया में शामिल हैं। रजिस्ट्रियां तैयार करने का काम जारी है। 7-8 अगस्त तक 9 हेक्टेयर जमीन लेने के बाद थोड़ी ही जमीन बचेगी। जो तीसरे राउंड के पैसों से ले ली जाएगी।

एयरपोर्ट डायरेक्टर वसीम अहमद अंसारी के अनुसार, इंडिगो एयरलाइंस ने रनवे, बिल्डिंग और एप्रन आदि के बारे में जानकारी मांगी थी। सारी जानकारी दे दी गई है। पुराने एयरपोर्ट पर तकरीबन रोज चार्टर्ड फ्लाइट्स आती-जाती हैं। नई जमीन से अल्ट्रा मॉडर्न सुविधाओं वाली बिल्डिंग बनेगी। हालांकि पूरी प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लगेगा।

ट्रैवल एजेंट शारिक अल्वी के अनुसार, कई साल पहले हुए सर्वे में बताया गया था कि अमौसी एयरपोर्ट पर यात्रियों के लोड का 40 पर्सेंट कानपुर से है। फिलहाल लखनऊ से दिल्ली के बीच डेली 20 से ज्यादा फ्लाइट्स हैं। मुंबई के लिए 6 और बाकी सेंटरों के लिए कम से कम 2-2 फ्लाइट्स मिलती हैं। अगर सुबह-शाम कानपुर एयरपोर्ट पर 2-2 फ्लाइट्स दे दी गईं तो इसे फुल लोड मिलेगा। लोग एक फ्लाइट पकड़ने में कम से कम 3 घंटे के अलावा 2000 रुपये बचाएंगे। हालांकि सारी बातें सिर्फ कागजों पर हैं। किसी एयरलाइन ने अब तक ट्रैवल एजेंसियों से इस बारे में संपर्क नहीं किया है।

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