कानपुर: इनकम सर्टिफिकेट के लिए महिलाओं की भीड़, ऐप्लिकेशन्स देख अफसर हैरान

कानपुर
नोटबंदी ने बड़े से लेकर आम आदमी तक को प्रभावित किया, लेकिन खुद को कानूनी झंझटों से बचाने के लिए लोग हर तरीका अपना रहे हैं। कानपुर सदर तहसील में 9 नवंबर से अब तक इनकम सर्टिफिकेट (आय प्रमाणपत्र) बनवाने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है। ज्यादातर ऐप्लिकेशन्स इनकम का सोर्स न दिखाए जाने के कारण खारिज की जा रही हैं।

तहसीलदार अनिल कुमार के अनुसार, लेखपालों से जांच के लिए कहा गया है। हालांकि ये सर्टिफकेट इनकम टैक्स में काम नहीं आएंगे। कानपुर सदर तहसील में आमतौर पर महिलाओं की कम ही भीड़ रहती है। 9 नवंबर से अचानक यहां महिलाओं की भीड़ बढ़ी और ज्यादातर ने इनकम सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया।

एक साथ ढेर सारी महिलाओं की तरफ से आई इस डिमांड को देखकर तहसीलदार का माथा ठनका और उन्होंने ऐप्लिकेशन्स चेक की तो होश उड़ गए। कई महिलाएं ट्यूशन पढ़ाकर अपनी इनकम सालाना 4.80 लाख रुपये दिखा रही थीं तो काफी महिलाएं घरेलू मेड का काम करते हुए सालाना आया 3-4 लाख रुपये होने का दावा कर रही थीं।

कुछ मामलों में तहसीलदार के पास कुछ असरदार लोगों के फोन भी पहुंचे। सर्टिफिकेट न बनने की शिकायत लेकर कुछ महिलाएं गुरुवार को तहसील पहुंची तो साफ कह दिया गया कि जहां-जहां ट्यूशन पढ़ाती हैं, वहां की पूरी डिटेल दीजिए ताकि लेखपालों से इसे वेरिफाई कराया जा सके।

घरेलू काम करने वाली महिलाओं से पूछा गया कि 3 लाख रुपये आय होने के बावजूद उन्होंने इनकम टैक्स रिटर्न क्यों नहीं फाइल किया। इसका कोई जवाब नहीं दे सका। तहसीलदार के मुताबिक, जांच में गड़बड़ी साबित होने पर आवेदन खारिज किए जा रहे हैं। अब तक करीब 200 ऐप्लिकेशंस आ चुकी हैं।

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