काकोरी कांड के वो क्रांतिवीर जिन्‍होंने हंसते-हंसते मौत को लगाया था गले

राम प्रसाद बिस्मिल अपने साथियों के साथ पकड़े गए लेकिन अश्फाक उल्ला खां उनकी पकड़ में नहीं आए। वह बनारस गए और फिर बिहार जाकर एक इंजीनियरिंग कंपनी में कार्य करते रहे।

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