कपड़ा कारोबारी परसों हड़ताल पर

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

कपड़े पर पांच प्रतिशत जीएसटी (टैक्स) लगाए जाने के खिलाफ पुरानी दिल्ली के कपड़ा कारोबारी परसों, गुरुवार को एक दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं। उनका कहना है कि कपड़े पर सालों से टैक्स नहीं लग रहा है, लेकिन केंद्र के इस निर्णय कारोबारियों को खासी परेशानी का सामना करना होगा। दूसरी ओर दिल्ली के दूसरे इलाकों के कपड़ा कारोबारी इस हड़ताल में शामिल होने को लेकर आज दोपहर बाद बैठकें करने जा रहे हैं।

कपड़े वालों की सालों पुरानी संस्था दिल्ली हिंदुस्तानी मर्कन्टाइल एसोसिएशन ने इस मसले को लेकर कल टाउन हाल में एक बैठक आयोजित की थी। जिसमें अध्यक्ष अरुण कुमार सिंघानिया, महामंत्री मुकेश सचदेवा सहित पूर्व व वर्तमान पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में उन्होंने कपड़े पर जीएसटी लगाए जाने पर खासा विरोध जताया और कहा कि आजादी के बाद से कपड़े पर किसी भी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगाया गया है। उनका कहना था कि देश में कृषि के बाद कपड़ा दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जो सबसे अधिक रोजगार का सृजन करता है और सरकार के खजाने में टैक्स देकर देश के विकास में भी योगदान करता है, ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्र पर जीएसटी लगाया जाना न्याययोचित नहीं है। उन्होंने पांच प्रतिशत टैक्स लगाने के विरोध किया और गुरुवार को हड़ताल की घोषणा की।

अध्यक्ष अरुण सिंघानिया के अनुसार इस हड़ताल में चांदनी चौक व आसपास के सभी 65 कटरों के करीब 17000 दुकानदार शामिल होंगे। हड़ताल वाले दिन टाउन हाल के बाहर धरना दिया जाएगा। दूसरी ओर इस हड़ताल में शामिल होने पर विचार करने के लिए दिल्ली के अन्य इलाकों के कपड़ा कारोबारी बैठक करने जा रहे हैं। यमुनापार स्थित गांधी नगर मार्केट के अध्यक्ष केके बल्ली के अनुसार दोपहर बाद गांधी नगर, टैंक रोड, लाजपत नगर स्थित अमर कॉलोनी के कपड़ा व्यापारी बैठक करने जा रहे हैं। बैठक में वीसी मैनी आदि नेता भी शामिल होंगे। अगर सर्व-सहमति बनी तो पूरी दिल्ली के कपड़ा कारोबारी गुरुवार की हड़ताल में शामिल होंगे।

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