एस्सार ऑयल की डीलिस्टिंग में ‘टेक्निकल’ पेच फंसा

मुंबई

एस्सार ऑयल की डीलिस्टिंग में टेक्निकल पेच फंस गया है। बायबैक में ऑफर किए गए शेयरों का एक बड़ा ब्लॉक समय पर कन्फर्म नहीं हो पाया। इस पर स्टॉक एक्सचेंज BSE ने मामले को मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास भेज दिया।

प्रमोटर्स के बायबैक ऑफर को पर्याप्त बिड मिल गए थे, लेकिन शेयरों के बड़े हिस्से का कन्फर्मेशन नहीं होने की वजह से डीलिस्टिंग अब लटक सकता है। ऐसा अनुमान है कि ये अनकन्फर्म्ड शेयर LIC ने बेचे हैं।

ऑफर सोमवार को बंद हुआ था। बताया जा रहा है कि इसमें प्रमोटरों को लगभग 10.1 करोड़ शेयरों की बिड मिली जबकि डीलिस्टिंग के लिए इस बायबैक ऑफर में सिर्फ 9.26 करोड़ शेयर टेंडर किए जाने की जरूरत थी।

पब्लिक सेक्टर फर्म एलआईसी की तरफ से ऑफर किए गए 1.98 करोड़ शेयर ऑफर क्लोज होने तक एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर ‘बिना कनफर्म्ड’ रह गए। सूत्रों ने बताया कि LIC की बिड तय समय में आई क्योंकि इनके बाद ऑफर किए गए शेयर कनफर्म्ड हो गए। लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से LIC के शेयर ‘अनकनफर्म्ड कैटेगरी’ में रह गए।

इस मामले में सभी रिलेटेड एंटिटीज-एस्सार ऑयल, LIC, BSE और LIC शेयरों के कस्टोडियन स्टॉकहोल्डिंग कॉर्प जांच में जुट गई हैं। इस बारे में किसी भी एंटिटी से ऑफिशियल डिटेल नहीं मिल पाई है।

BSE ने एक नोट जारी कर कहा है, ‘एस्सार ऑयल के डीलिस्टिंग प्रोसेस के लिए कुछ इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के ऑफर्स के कनफर्मेशन की टाइमिंग से जुड़ी तकनीकी दिक्कतों के चलते मामला सेबी के पास विचार के लिए भेज दिया गया है।’

डीलिस्टिंग ऑफर में शेयर 262.80 रुपये के डिस्कवर्ड प्राइस पर रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रोसेस के जरिए टेंडर किए गए। यह 146.05 रुपये के फ्लोर प्राइस पर लगभग 80 पर्सेंट प्रीमियम है। एस्सार ऑयल का शेयर सोमवार को लगभग 8.5 पर्सेंट के तेज उछाल के साथ 243.35 रुपये पर बंद हुआ था। लेकिन मंगलवार को इसका शेयर 3.35 रुपये यानी 1.38 पर्सेंट गिरकर 240.00 रुपये पर बंद हुआ।

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