एलजी को ‘दुखड़ा’ सुनाएंगे अधिकारी
|दिल्ली सरकार के अधिकारी राजनिवास जाकर उपराज्यपाल नजीब जंग को अपना ‘दुखड़ा’ सुनाएंगे, इसके लिए आपस में विचार-विमर्श शुरू हो चुका है। वैसे अधिकारी मान रहे हैं कि आगामी दिनों में उपराज्यपाल शासन की स्थिति जानने के लिए खुद ही उन्हें बुला लें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो अफसर स्वयं जाकर उनसे मुलाकात करेंगे।
दिल्ली सरकार के सिस्टम में अचानक ही भारी ‘सुगबुगाहट’ नजर आने लगी है। हाई कोर्ट द्वारा उपराज्यपाल को दिल्ली का मुखिया बताए जाने के बाद दिल्ली सरकार के कुछ आला अधिकारी ‘एक्टिव’ हो गए हैं। सूत्र बताते हैं कि ये वे अधिकारी हैं जो सरकार के निर्णयों से असहज महसूस कर रहे थे। वे कई दिनों से इस अससमंज में थे कि अगर वे दिल्ली सरकार के ‘निर्णयों’ को मानते हैं तो उपराज्यपाल नजीब जंग की संस्तुति पर केंद्र सरकार कहीं उनके खिलाफ एक्शन न कर दे। अफसरों को इस बात की जानकारी है कि उनकी सरकारी सीआर (कॉन्फिडेशल रिपोर्ट) लिखने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास नहीं है। उसे उपराज्यपाल की सिफारिश पर केंद्र सरकार लिखती है और रिपोर्ट में निगेटिव कमेंट्स आ गए तो भविष्य में उनकी ट्रांसफर पोस्टिंग प्रभावित हो सकती है। इसलिए वे चाहते हैं कि उपराज्यपाल तक अपना ‘दुखड़ा’ व्यक्त कर दिया जाए और सिस्टम की हकीकत उन तक बयान कर दी जाए।
सूत्र बताते हैं कि इस मसले को लेकर कल दिल्ली सरकार के कुछ आला अफसरों ने दिल्ली सचिवालय में एक अनौपचारिक बैठक की और उपराज्यपाल से मिलने की बाबत विचार विमर्श किया। अभी वे इस बात पर सोच विचार कर रहे हैं कि वे खुद की हैसियत से उपराज्यपाल से मिलें या अपनी एसोसिएशन के माध्यम से राजनिवास तक पहुंचा जाए। विचार यह भी बन रहा है कि क्या एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में मुलाकात की जाए। दिल्ली सरकार के एक आला अधिकारी के अनुसार असल में हमारा मकसद उपराज्यपाल को वस्तुस्थिति से अवगत कराना है, ताकि उन तक यह संदेश पहुंच जाए कि आला अधिकारी सरकार में किन और कैसी परिस्थितियों में काम कर रहे है।
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