एयरसेल-मैक्सिस मामले पर जल्द सुनवाई के लिये उच्चतम न्यायालय पहुंचे स्वामी

नयी दिल्ली, 27 अक्तूबर भाषा भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमणियम स्वामी ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में तत्कालीन विा मंत्री पी. चिदंबरम की एफआईपीबी मंजूरी को कथित तौर पर गैरकानूनी बताते हुए इस मामले में दायर याचिका पर जल्द सुनवाई के लिये आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। यह सौदा 2006 में हुआ था।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि वह जल्द सुनवाई के लिए दायर याचिका पर विचार करेंगे। शीर्ष अदालत ने इससे पहले स्वामी से कहा था कि वह अपने आरोपों के समर्थन में ठोस सबूत पेश करें।

हालांकि, चिदंबरम ने स्वामी द्वारा लगाये गये आरोपों से इनकार किया है।

स्वामी ने इससे पहले अदालत में बहस के दौरान कहा था कि तत्कालीन विा मंत्री ने सौदे को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति सीसीईए के पास भेजे बिना ही विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड एफआईपीबी की मंजूरी प्रदान कर दी थी। हालांकि, 600 करोड़ रुपये से अधिक राशि के विदेशी निवेश प्रस्ताव को मंजूरी देने का अधिकार केवल सीसीईए को ही दिया गया था।

स्वामी का दावा है कि यह सौदा कुल मिलाकर 3,500 करोड़ रुपये का था और इसे तत्कालीन विा मंत्री ने एफआईपीबी मंजूरी दे दी जबकि इस प्रस्ताव को सीसीईए के पास भेजा जाना चाहिये थे।

एक विशेष अदालत ने इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके उद्योगपति भाई कलानिधि मारन और अन्य को आरोपमुक्त कर दिया। सीबीआई और ईडी ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में और सौदे से जुड़ी मनी-लांड्रिंग मामले में इन सब को आरोपी बनाया था।

भाषा

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