एफआईएच प्रो लीग से हटने का फैसला सही: हॉकी इंडिया

नई दिल्ली
अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ की प्रो लीग से हटने के फैसले को उचित ठहराते हुए हॉकी इंडिया ने रविवार को कहा कि इस प्रतियोगिता से ओलिंपिक के लिए सीधे क्वॉलिफिकेशन का मौका नहीं मिलता और महिला टीम के लिए यह किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं होता। हॉकी इंडिया के अधिकारी ने दावा किया कि यह प्रो लीग 2019 में शुरू होगी, इससे पुरुष और महिला दोनों वर्गों में केवल 4 शीर्ष टीमों को ही ओलिंपिक क्वॉलिफायर में भाग लेने का मौका मिलेगा।

भारतीय पुरुष टीम के पास अच्छा मौका है और महिला टीम अभी वर्ल्ड रैंकिंग में 13वें स्थान पर है, जिससे उसके पास शीर्ष 4 में रहना काफी मुश्किल होता। हॉकी इंडिया ने कहा कि प्रो लीग के बजाए दोनों पुरुष और महिला टीमों के पास हॉकी वर्ल्ड लीग के पहले और दूसरे दौर के जरिए ओलिंपिक क्वॉलिफायर में पहुंचने का बेहतर मौका है, जो 2019 में प्रो लीग के रहते हुए भी जारी रहेगा।

हॉकी इंडिया के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘पहले मैं स्पष्ट कर दूं कि प्रो लीग से 2020 तोक्यो ओलिंपिक में शीर्ष 4 टीमों को सीधे स्थान नहीं मिलेगा। इससे शीर्ष 4 टीमों को ओलिंपिक क्वॉलिफायर में खेलने का मौका मिलेगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमारी महिला टीम को शीर्ष 4 में क्वॉलिफाइंग का कोई मौका नहीं मिलता, इसलिए हमने इस प्रतियोगिता से हटने का फैसला किया।’

इस अधिकारी ने कहा, ‘हमारे पास वर्ल्ड लीग के पहले और दूसरे दौर में बेहतर मौका होगा तो दूसरी चीज की तरफ क्यों जाएं। हर देश के पास 17 जुलाई से पहले इससे हटने का मौका था और ऐसा नहीं करने पर एफआईएच के पास दो साल का निलंबन और जुर्माना लगाने का अधिकार था। इसलिए हमने उन्हें जल्दी ही अपने फैसले से अवगत करने का निर्णय लिया।’

एफआईएच कैलेंडर में प्रो लीग नया टूर्नमेंट है और इसे जनवरी 2019 में लॉन्च किया जाएगा। इसमें जनवरी से जून 6 महीने तक शीर्ष 9 पुरुष और महिला अंतरराष्ट्रीय टीमें एक दूसरे से घरेलू और विपक्षी टीम के मैदान पर हर सप्ताहांत खेलेंगी। इसके बाद लीग के अंत में शीर्ष 4 टीमों तोक्यो ओलिंपिक के लिए ओलिंपिक क्वॉलिफायर में खेलने का मौका मिलेगा।

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