एनबीएफसी कस्टमर्स के लिए लोकपाल लाएगा आरबीआई

नई दिल्ली
रिजर्व बैंक ने गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के कस्टमरों के लिए लोकपाल जैसा मेकेनिजम शुरू करने का ऐलान किया, जो इस महीने के आखिर तक वजूद में आ जाएगा। इससे इन वित्तीय कंपनियों से कर्ज लेने वालों को अगर कोई शिकायत है, तो वे सीधे अपने लोकपाल का दरवाजा खटखटा सकेंगे और इस तरह इनकी शिकायतों का जल्द निपटारा हो सकेगा। शुरू में इस योजना को सभी जमा स्वीकार करने वाले एनबीएफसी के लिए लागू किया जाएगा।

वहीं, आरबीआई ने लगातार तीसरी मॉनिटरी पॉलिसी में अहम दरों में बदलाव नहीं किया। ऐसे में आपके नए लोन की ईएमआई तो कम नहीं होने जा रही। लेकिन जिन्होंने 1 अप्रैल 2016 से पहले कर्ज ले रखा है। उनके बेस रेट पर आधारित लोन को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) से जोड़ा जाएगा। इससे इनके लोन सस्ते होने के आसार हैं। ऐसे में रीपो रेट कम होने के फायदा इन्हें तुरंत मिलेगा।

आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि बैंक से कर्ज लेने वालों को ज्यादा फायदा मिले, इसके लिए 31 मार्च तक बैंक सभी कर्ज को एमसीएलआर से जोड़ने का काम पूरा करेंगे। लोन को एमसीएलआर से लिंक करने का फॉर्म्युला 1 अप्रैल 2016 से लागू हुआ था। मगर इससे पहले के लोन को बेस रेट से लिंक रखा गया था। हालांकि बैंकों ने प्रोसेसिंग चार्ज वसूलकर बेस रेट पर आधारित लोन को एमसीएलआर से जोड़ने की सुविधा दे रखी है।

बैंक एक्सपर्ट एस. सी. चावला के मुताबिक, इस वक्त बैंकों के बेस रेट और एमसीएलआर रेट में लगभग एक फीसदी का अंतर है। जैसे ही लोन बेस रेट से हटकर एमसीएलआर से लिंक होगा तो बैंकों के लिए लोन की मार्जिनल कॉस्ट कम हो जाएगी, जिसका फायदा वे ग्राहकों को दे सकेंगे। RBI ने चेताया है कि अगले वित्त वर्ष में इन्फ्लेशन बढ़कर 5.6 पर्सेंट तक जा सकता है। महंगाई दर के अनुसार ही आरबीआई नीतिगत दरों पर फैसला लेगा।

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