एक साल में भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट पर होगा ऐमजॉन और अलीबाबा का दबदबा: पीटीएम सीईओ

गुलवीन औलख, नई दिल्ली
पेटीएम के चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर विजय शेखर शर्मा ने कहा है कि भारत के लाभकारी ई-कॉमर्स बाजार के लिए लड़ाई मुख्य रूप से ऐमजॉन और अलीबाबा बीच है। उन्होंने कहा कि एक साल में मामला साफ हो जाएगा। शर्मा ने कहा, ‘ई-कॉमर्स के क्षेत्र में बहुत सी कंपनियां आ चुकी हैं। आनेवाले 6 से 9 महीनों में पता चल जाएगा कि इस बाजार के मुख्य प्रतियोगी कौन-कौन हैं। ऐमजॉन को टक्कर देने के लिए बाकी कंपनियों को रणनीतिक बनने की आवश्यकता होगी।’

अलीबाबा और उससे संबंधित कंपनी ऐंट फाइनैंशल से जुड़ी डिजीटल वॉलेट ऑनलाइन रिटेलर कंपनी पेटीएम, पेमेंट बैंक खोलने की तैयारी में है। इसमें कंपनी ई-कॉमर्स क्षेत्र से एक नई कंपनी बन जाएगी, जिसका नया नाम और ब्रैंड होगा जबकि कंपनी के शेयर हॉल्डर्स पेटीएम वाले ही होंगे। बाद में यह कंपनी या तो फंड बढ़ाएगी या अधिग्रहण और विलय का सहारा लेगी। कंपनी अक्टूबर से शुरू हो रहे पेमेंट बैंक से अलग होगी।

भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए पहले ही लाइन खींची जा चुकी है। विश्व के सबसे बड़े ऑनलाइन रिटेलर ऐमजॉन ने पिछले महीने कहा था कि वह भारत में अतिरिक्त 20,000 करोड़ का निवेश करेगा। यह घोषणा ऐसे समय में आई जब फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी कंपनियां भी नया फंड जुटाने का दबाव झेल रही हैं। पैसा जुटाना पहले की तुलना में कठिन हो गया है। सरकार ने भी ऐसे नियम बना दिए हैं कि कंपनियों के अधिक डिस्काउंट और कैश बैक ऑफर्स पर रोक लग रही है।

अलीबाबा भारत के ऑनलाइन बाजार में सीधे ही आना चाहती है। अलीबाबा ने पेटीएम के 40% शेयर खरीद रखे हैं, जिससे पेटीएम की स्थिती भारत में मजबूत है। स्नैपडील में भी अलीबाबा ने 4% शेयर खरीद रखे हैं। शर्मा के मुताबिक, ‘दीपावली के आसपास पेटीएम का बिजनस दो भांगों में बंट जाएगा। हम मार्केटप्लेस को अलग करने जा रहे हैं। तब हम पैसे जुटाने में सक्षम हो पाएंगे।’ हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने शेयर बेचे जाएंगे और निवेशकों में कौन सी संभावित कंपनियां हैं?

शर्मा ने उम्मीद जताई है कि इस वर्ष अक्टूबर तक पेटीएम का ई-कॉमर्स व्यवसाय मुनाफे में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि अब समय है कि पेटीएम को पेमेंट्स और फाइनैंशल सेवाओं के लिए पहचाना जाना चाहिए और ई-कॉमर्स बिजनस को अपना अलग नाम मिलना चाहिए। इससे भावी निवेश के लिए व्यापारियों और निवेशकर्ताओं में स्पष्टता आएगी।

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