ऊंचे हवाई किराए पर अंकुश के लिए उपायों की घोषणा जल्द: मंत्री

नई दिल्ली
लंबे विचार-विमर्श के बाद सरकार जल्द ही एक ऐसा सिस्टम घोषित करने जा रही है जिसमें ऊंचे हवाई किरायों पर अंकुश लगाया जा सके। इसके साथ ही क्षेत्र को प्रभावित करने वाले सभी प्रमुख मुद्दों के समाधान के लिए एक नई नागर विमानन नीति का अनावरण भी जल्द किया जा सकता है। नागर विमानन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि नागर विमानन नीति जल्दी ही पेश की जाएगी ताकि इस क्षेत्र में भारत प्रमुख स्थान हासिल कर सके जो फिलहाल 20 प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि दर्ज कर रहा है। यह नीति दो सप्ताह के भीतर पेश की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है बुनियादी ढांचा में सुधार करना और वह मौजूदा हवाई अड्डों के उन्नयन और नए हवाई अड्डों की स्थापना पर 2016-17 में करीब 15,000 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है। हवाई किराया तय करने के संबंध में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हवाई टिकटों की उपरी सीमा रखे जाने के पक्ष में हैं। सरकार इसके लिए उपायों की घोषणा करेगी। इसपर विमानन कंपनियों के विचार लिए जाएंगे। यह सहमति से होगा न कि किसी नियमन के जरिए।

शर्मा ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘हम हवाई यात्रा टिकट के दाम की सीमा तय करने के लिए कुछ उपाय किए जाने की प्रक्रिया में हैं। लेकिन हम ऐसा सहमति से करना चाहते हैं न कि नियमन के जरिए। हमारे प्रधानमंत्री का भी यही मानना है कि किराया नियंत्रण में होना चाहिए।’ त्योहारी मौसम और छुट्टियों के दौरान हवाई किराए में आम तौर पर करीब 40-50 प्रतिशत वृद्धि हो जाती है। पिछले साल दिसंबर में चेन्नै में आई भारी बाढ़ के दौरान बेंगलुरु और दिल्ली के बीच एक तरफ का हवाई टिकट किराया 50,000 रुपए तक हो गया था। तब विमानन कंपनियों की तीखी आलोचना हुई थी। हरियाणा में हाल के जाट आंदोलन के दौरान भी हवाई किराया आसमान छूने लगा था। विमानन नियामक डीजीसीए ने पिछले सप्ताह कहा था कि हवाई किराया बढ़ने की सीमा तय करने से जुड़ा कोई भी फैसला करने से पहले विमानन कंपनियों के साथ विचार-विमर्श करने की जरूरत है।

नागर विमानन महानिदेशालय प्रमुख एम सत्यवती ने कहा, ‘यदि हवाई किराए की ऊंची सीमा तय की जानी है तो हमें विमानन कंपनियों के साथ विचार करना होगा।’ लंबे समय से अटकी नागर विमानन नीति के संबंध में मंत्री ने कहा कि ज्यादातर मुद्दों को सुलझा लिया गया है। शर्मा ने कहा कि भारत फिलहाल वैश्विक विमानन बाजार में नौवें स्थान पर है और वह 2025 तक तीसरा बड़ा बाजार बनना चाहता है। मंत्री ने कहा कि विमानन नीति में ज्यादा जोर क्षेत्र की वृद्धि के विस्तार पर होगा। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि विश्वसनीय नीति बने इसीलिए हमने बार-बार बैठकें कीं।’ उन्होंने कहा कि नीति में 5-20 मानदंड, क्षेत्रीय संपर्क योजना जैसे लंबित मुद्दों का समाधान किया जाएगा। 5-20 मानदंड के तहत घरेलू विमानन कंपनियां विदेश में परिचालन तब तक नहीं कर सकतीं जब तक उसके स्थानीय वायुमार्गों पर परिचालन के पांच साल पूरे न हो जाएं और उसके पास 20 विमानों का बेड़ा न हो।

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