उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण न होने का खतरा बरकरार : US
|अमेरिका राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने जहां उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन के साथ अपनी मुलाकात को बेहद सकारात्मक बताया है, वहीं अब अमेरिकी मंत्री प्योंगयांग के परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को हासिल करने को संदेह की निगाह से देख रहे हैं। चीन पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा , ‘इस बात का खतरा अभी भी मौजूद है कि हम परमाणु निरस्त्रीकरण का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे। इसके लिए अभी और काम करना पड़ेगा।’ पोम्पियो ने यह बात तब कही है जब ट्रंप और किम की मुलाकात को महज 48 घंटे पूरे हुए हैं।
पोम्पियो ने अपनी चीनी समकक्ष वांग यी को ट्रंप और किम के बीच सिंगापुर में 12 जून को हुई ऐतिहासिक शिखर वार्ता से अवगत कराया।
इससे पहले पोम्पियो उत्तर कोरिया को चेतावनी देते हुए कहा था कि जब तक परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं होती तब तक प्योंगयांग को पाबंदियों से कोई राहत नहीं मिलेगी। पोम्पियो ने कहा कि उत्तर कोरिया के पूरे, सत्यापित किए जा सकने वाले और अपरिवर्तनीय परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया को लेकर वॉशिंगटन प्रतिबद्ध है।
पूवर्वर्ती अमेरिकी प्रशासनों और ट्रंप नीति की तुलना करते हुए पोम्पियो ने कहा, ‘पहले वह पूरा परमाणु निरस्त्रीकरण होने से पहले ही आर्थिक और वित्तीय राहत दे देते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला, राष्ट्रपति ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया है।’ पोम्पियो की यह टिप्पणी उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया की उन खबरों के बीच आई है जिनमें बुधवार को कहा गया था कि ट्रंप ने वार्ता के दौरान सैन्य अभ्यास रोकने और प्योंगयांग पर लगाए प्रतिबंध हटाने का प्रस्ताव दिया है।
गौरतलब है कि अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच संबंधों को सामान्य बनाने तथा कोरिया प्रायद्वीप में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए ट्रंप और किम के बीच ऐतिहासिक वार्ता हुई है। मीटिंग के बाद नॉर्थ कोरिया के शासक किम ने नाभिकीय हथियारों के पूर्ण निरस्त्रीकरण का वादा किया है। हालांकि ट्रंप ने यह भी कहा कि नॉर्थ कोरिया पर प्रतिबंध जारी रहेंगे। इसके बदले अमेरिका ने भी नॉर्थ कोरिया की सुरक्षा की गारंटी ली।
भाषा से इनपुट के साथ
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