इस साल अडवांस टैक्स नहीं लेगी दिल्ली सरकार
|बजट का एक बड़ा हिस्सा लोकलुभावन वादों पर खर्च करने के बावजूद दिल्ली सरकार अपनी माली हालत को लेकर बेफिक्र नजर आ रही है। वित्त वर्ष के आखिरी महीनों में रेवेन्यू ग्रोथ पटरी पर लौटने से जहां सरकार के हौसले बुलंद हैं, वहीं उसे कई बड़े प्रोजेक्ट के खर्चों में हो रही बचत से भी फायदा हो रहा है। इस साल सरकार ने कई मदों में अडवांस टैक्स नहीं वसूलने का फैसला किया है, जिससे कारोबारियों को वर्किंग कैपिटल की किल्लत से नहीं जूझना पड़ेगा।
केजरीवाल सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर कई विभागों की उपलब्धियां गिनाते हुए वैट कमिश्नर और सूचना सचिव एस एस यादव ने कहा, ‘रेवेन्यू के मोर्चे पर सरकार ने अहम कामयाबी हासिल की है। पिछले साल 2 पर्सेंट ग्रोथ दर्ज कराने वाले वैट में इस साल 12.5 पर्सेंट की दर से राजस्व आ रहा है।
एक्साइज, लग्जरी और एंटरटेनमेंट टैक्स की ग्रोथ 35 से 40 पर्सेंट तक पहुंच गई है। कई और मदों में ग्रोथ डबल डिजिट में है।’ उन्होंने अलग से बातचीत में कहा कि सरकार ने वैट टारगेट 24,000 करोड़ से घटाकर 21,000 करोड़ कर दिया है। जनवरी में 2000 करोड़ का रेकॉर्ड कलेक्शन होने और पिछले दो महीनों में ग्रोथ रेट 20 पर्सेंट को पार करने से लगता है कि टारगेट हासिल हो जाएगा। उन्होंने बताया, ‘इस साल हम कारोबारियों से अडवांस टैक्स नहीं मांगने जा रहे, बल्कि उनको देय रिफंड में तेजी लाने की कोशिश की जा रही है।’
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली में एक नए तरह का इकनॉमिक सिस्टम खड़ा करने का दावा करते हुए अर्थशास्त्रियों को यह बताने की चुनौती दे डाली कि दिल्ली सरकार के पास पैसा कहां से आ रहा है? उन्होंने कहा, ‘रोजाना 750 लीटर पानी मुफ्त देने के बावजूद दिल्ली जल बोर्ड को 176 करोड़ का फायदा हुआ है। एक फ्लाईओवर की प्रोजेक्ट कॉस्ट 3 करोड़ रुपये थी, हमने 2 करोड़ में बनाकर एक करोड़ रुपये बचा लिए। हम नई इकॉनमी गढ़ रहे हैं। जो लोग कह रहे थे कि हम चीजें मुफ्त देकर खजाना खाली कर रहे हैं, उन्हें यह बात समझ नहीं आएगी।’ उन्होंने कहा कि प्रशासन के सभी स्तरों पर करप्शन घटने से खर्चे कम हो रहे हैं और रेवेन्यू बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि आने वाले बजट में उनकी सरकार का जोर शिक्षा और स्वास्थ्य पर रहेगा और इसके लिए सरकार किसी के सामने पैसे का रोना नहीं रोएगी। इस मौके पर डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार अगले साल के बजट में भी 25 पर्सेंट रकम एजुकेशन पर खर्च करेगी। पिछले साल भी सरकार ने करीब 40,000 करोड़ के बजट में 9 करोड़ रुपये एजुकेशन पर खर्च करने का ऐलान किया था। इस साल जुलाई तक दिल्ली में 8,000 नए स्कूल रूम बनाए जा रहे हैं, जबकि पायलट प्रोजेक्ट के तहत 54 स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर बनाने पर काम चल रहा है।
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