इन मुलाकातों से दुनिया में लौटा भाईचारे का दौर

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया चीन के दौरे से भारत और चीन के बीच रिश्तों के सुधरने और उनको और मजबूती मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है। जिस गर्मजोशी के साथ चीन ने पीएम मोदी का स्वागत किया और जिस हर्षोल्लास और खुले दिन के साथ राष्ट्रपति शी चिनफिंग मोदी से मिले, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ जल्द पिघल जाएगी।

दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामा और कई मुद्दों पर बातचीत की। मोदी-चिनफिंग की इस मुलाकात को ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जा रहा है। वैसे सिर्फ मोदी और चिनफिंग की ही नहीं, कई और ऐसी मुलाकातें रही हैं, जिन्होंने दुनिया हिलाकर रख दी थी।

आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ ऐतिहासिक मुलाकातों के बारे में:

किम जोंग और मून जे इन
1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद यह पहली बार था, जब जानी दुश्मन यानी उत्तर कोरिया के लीडर किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के नेचा मून जे इन हर तरह की कड़वाहट को भुलाकर गर्मजोशी के साथ मिले। दोनों की मुलाकात 27 अप्रैल को हुई। किम जोंग खुद दक्षिण कोरिया गए और सभी गिले-शिकवे भुलाकर दक्षिण कोरिया के लीडर मून जे इन से मिले। दोनों नेताओं की मुलाकात पर सभी की नजर थी। यह अहम इसलिए भी थी क्योंकि उत्तर कोरिया पर उसके परमाणु हथियार प्रोग्राम को खत्म करने का दबाव है। इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच एक नए शांति दौर की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

अराफात और राबिन
1993 में इजराइल के प्रधानमंत्री यित्ज़ाक राबिन और फिलिस्तीन के नेता यासिर अराफात के बीच हुई मुलाकात ने इजराइल और फिलिस्तीन के लिए एक नए दौर की शुरुआत की। दोनों देश कभी एक-दूसरे के कट्टर विरोधी रहे थे, लेकिन आपसी रिश्तों को सुधारने और संबंध मजबूत करने के लिए इजराइल और फिलिस्तीन साथ आए और कई समझौतों पर सहमति बनी। उस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने इजराइल और फिलिस्तीन के बीच टकराव के झणों में एक-दूसरे से हाथ मिलाया, जिसके गवाह बने थे तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन।

इस ऐतिहासिक मुलाकात की वजह से फिलिस्तीनी विद्रोह इतिफादा को खत्म करने में मदद मिली। हालांकि इसके 2 साल बाद एक यहूदी उग्रवादी ने राबिन की हत्या कर दी।

ओबामा-कास्त्रो

2013 में अमेरिकी राष्ट्रपित बराक ओबामा और क्यूबा के राष्ट्रपति रॉल कास्त्रो की मुलाकात ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया था। कई सालों तक क्यूबा और अमेरिका के बीच दुश्मनी रही और उसके बाद किसी सार्वजनिक मंच पर दोनों के बीच यह पहली मुलाकात देखने को मिली थी। इस मुलाकात की वजह से न सिर्फ दोनों देशों के बीच संबंधों पर जमी बर्फ पिघली बल्कि और मजबूती भी आई।

महारानी ऐलिजाबेथ द्वितीय और मैकगुइनेस
यह किसी ऐतिहासिक क्षण से कम नहीं था जब महारानी ऐलिजाबेथ द्वितीय ने उत्तरी आयरलैंड का दौरा कर आइरिश रिप्बलिकन आर्मी में पूर्व शीर्ष कमांडर मार्टिन मैकगुइनेस से मुलाकात की। मार्टिन ब्रिटेन में ब्रिटिश शासन को खत्म करे उसे उत्तरी आयरलैंड में शामिल करना चाहता था, लेकिन वह ब्रिटेन का ही हिस्सा रहा। इसे लेकर ब्रिटेन और आयरलैंड के बीच कई वर्षों तक खूनी संघर्ष चला था।

चीन और ताइवान
कई दशकों की दूरी के बाद 1949 में सिविल वॉर के चलते चीन और ताइवान के बीच अलगाव हो गया था, लेकिन 2015 में चीन और ताइवान के राष्ट्रपति सिंगापुर में मिले।

दोनों के बीच इस ऐतिहासिक मुलाकात में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ताइवान के राष्ट्रपति मा यिंग ज्यो गर्मजोशी के साथ एक-दूसरे से मिले और मीडिया का हंसकर अभिवादन किया। इस मुलाकात की वजह से पेइचिंग और ताइपे के बीच हॉटलाइन सेवा शुरू हुई और टेंशन भी खत्म हुई।

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