आर्थिक तरक्की के लिए सहिष्णुता बेहद अहम: राजन
|कट्टरपंथी हिंदू संगठनों पर सवाल करने वाली पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से उपजे गुस्से के बीच आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने गुरुवार को कहा कि एक असहिष्णु समाज में बदलना भारत को महंगा पड़ेगा, क्योंकि देश की इकनॉमिक ग्रोथ के लिए सहिष्णुता ‘बेहद अहम’ है।
राजन ने सालभर पहले आरबीआई का गवर्नर पद छोड़ा था। 2015 में एक लेक्चर में उन्होंने देश में असहिष्णुता बढ़ने की बात की थी, जिस पर विवाद हुआ था। राजन ने गुरुवार को अपने उन बयानों को जायज ठहराया और कहा कि जो लोग सार्वजनिक जीवन में हों, उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे ‘ऐसी बातें भी बोलें, जो देश के लिए अच्छी हों। मैंने ऐसी बात ही की थी।’
राजन ने कहा कि गौरी की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘महिला पत्रकार की हत्या इसलिए एक बड़ा मुद्दा बनी है क्योंकि लोग यह नतीजा निकाल रहे हैं कि गौरी जो कुछ लिख रही थीं, उसकी वजह से उनकी जान ली गई। अभी किसी नतीजे पर पहुंचना तो जल्दबाजी होगी और हमें जांच का इंतजार करना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि प्राइवेसी को मौलिक अधिकार घोषित करने वाले सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने सहिष्णुता के दायरे में कुछ बर्तावों को ला दिया है। राजन ने आईआईटी दिल्ली के छात्रों को 31 अक्टूबर 2015 के अपने संबोधन को उचित बताया और कहा कि उसमें ‘दरअसल सहिष्णुता की बात थी।’ राजन ने कहा, ‘वह भाषण सहिष्णुता की भारत की परंपरा पर था, भारत की शक्ति के बारे में था। उसमें भारत की इस शक्ति पर जोर दिया गया था।’
राजन ने कहा, ‘हम अपनी अर्थव्यवस्था को जिस तरह की सर्विस और इनोवेटिव इकॉनमी बनाना चाहते हैं, उसके लिहाज से सहिष्णुता हमारी आर्थिक तरक्की के लिए बेहद अहम है। मेरा मानना है कि सहिष्णुता हमारी शक्ति है और हमें बहुत सावधान रहना चाहिए कि हम इसे कहीं खो न दें।’
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