आपका मावा असली है या नकली? खुद करें चेक

यूटिलिटी डेस्क। फेस्टिवल सीजन में दूध और मावे (खोवे) की डिमांड बढ़ जाती है। ये बढ़ी हुई डिमांग ही मिलावट पैदा करती है। यही वजह है कि मॉर्केट में इन दिनों मिलावटी मावे की बाढ़-सी आई हुई है।   भोपाल की डाइटिशियन डॉ. अमिता सिंह कहती हैं कि मिलावटी मावे से पेट दर्द, डायरिया, मरोड़, पेट में भारीपन, एसिडिटी और इनडाइजेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस मावे ज्यादा मात्रा में सेवन कर लिया जाए तो इंटरनल ऑर्गन्स पर भी बुरा असर पड़ सकता है। इसकी वजह इसमें लिटमस पेपर का मिलाया जाना है जो पानी को सोखने की क्षमता रखता है। मावे में घटिया किस्म का सॉलिड मिल्क मिलाया जाता है। इसमें टेलकम पाउडर, चूना, चॉक और सफेद केमिकल्स जैसी चीजों की मिलावट भी होती है। ऐसे मावे से बनी मिठाइयों से किडनी और लिवर पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं, इससे कैंसर, फूड प्वाइजनिंग, वॉमिटिंग और डायरिया जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।   फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के अनुसार, मिलावटी मावे की पहचान करना कोई मुश्किल काम नहीं है। घर पर ही आसानी से मिलावटी मावे की पहचान…

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