आखिर कमिश्नर ने पार्षदों से दिखाया ‘अपनापन’
|नॉर्थ एमसीडी पार्षदों और कमिश्नर मधुप व्यास के बीच चल रही तनातनी कुछ सुलझती नजर आ रही है। कमिश्नर ने उनके साथ बैठक की, ‘अपनापन’ दिखाया और ये भी पूछा कि पार्षद बताएं कि समस्याओं का हल कैसे किया जाए। फंड की कमी का मसला भी उठा और कहा गया कि निगम को आगे बढ़ाने के लिए सबको साथ मिलकर चलना होगा।
कमिश्नर ने कल अपने ऑफिस में तीन जोन करोल बाग, रोहिणी व केशवपुरम के पार्षदों के साथ बैठक आयोजित की और इस बात का आश्वासन दिया कि सीमित साधनों के बावजूद वह पार्षदों की समस्याओं को हल करने को लेकर खासे गंभीर हैं। उनका कहना था कि फंड की कमी के चलते योजनाओं और अन्य कार्यक्रमों को लेकर समस्याएं आ रही हैं, लेकिन उससे निपटने के उपाय किए जा रहे हैं। कमिश्नर ने खुद पार्षदों से सुझाव मांगे और पूछा कि आप मुझे बताओ की समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए। बैठक में तीनो जोन के आला अधिकारी भी मौजूद थे। उन्हें भी हिदायत दी गई कि वे लगातार पार्षदों से मुलाकात करते रहें और समस्याओं के निवारण के लिए गंभीरता दिखाएं।
सूत्र बताते हैं कि कुछ पार्षदों ने इस बात पर खासी नाराजगी जताई कि वे अपने दूर दूर के इलाकों से कमिश्नर व अन्य आला अफसरों से मिलने आते हैं लेकिन उन्हें केंद्र या उपराज्यपाल के साथ होने वाली बैठक का हवाला देकर टरका दिया जाता है। कमिश्नर ने कहा कि अगर पार्षद पहले से समय ले लें तो उन्हें इस बात की समस्या नहीं आएगी। बैठक में अधिकतर मुद्दे विभिन्न स्थानों में अतिक्रमण से संबंधित थे। इसके अलावा पेड़ों की छंटाई, सड़कों की मरम्मत और रखरखाव व निर्माण सामग्री की आवश्यकता के थे। बैठक में ही कमिश्नर ने तीनों जोन के डिप्टी कमिश्नरों को आदेश दिए कि पहाड़गंज के बसंत रोड पर अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाई जाए। उन्होंने रमेश नगर से उत्तरी दिल्ली नगर निगम की सात एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक भूमि और फुटपाथों पर अतिक्रमण होने से नागरिकों को असुविधा तो होती ही है साथ ही इससे राजस्व का भी नुकसान होता हैं। अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि कमिश्नर को पार्षदों के साथ इसलिए बैठक करनी पड़ी है, क्योंकि हाल ही में हुई निगम की बैठक में पार्षदों ने आरोप लगाया था कि कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर मिलते नहीं है। बैठक में कमिश्नर ने कुछ परोक्ष रूप से मेयर व स्थायी समिति अध्यक्ष पर आरोप लगा दिए थे, जिसके बाद सत्ता पक्ष के पार्षदों की उनसे ठन गई थी। पार्षदों ने उपराज्यपाल से कमिश्नर की शिकायत का मन भी बना लिया था। मामला बिगड़ते देख कमिश्नर ने मेयर प्रीति अग्रवाल से लिखित माफी मांगी और आश्वासन दिया कि वह पार्षदों से लगातार मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुलझाने का प्रयास करेंगे।
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