आईआईपी, एनपीए और बेरोजगारी के आगे बौनी दिख रही विकास दर
|अस्थिर वैश्विक माहौल के बीच वित्त वर्ष 2016 में भारत की 7.6 फीसदी इकोनॉमिक ग्रोथ रेट रहना वाकई बेहतरीन था, लेकिन औद्योगिक उत्पादन में गिरावट, नौकरियों के अपर्याप्त अवसर और एनपीए में लगातार इजाफे के देखा जाए तो स्थितियां वास्तव में उतनी अच्छी नजर नहीं आतीं।
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