अपने लिखे हर शब्द की जिम्मेदारी लेते थे अटल जी, दैनिक जागरण के हिंदी हैं हम के मंच पर बोले उपन्यासकार वीरेन्द्र जैन

एक और दिलचस्प वाकया वीरेन्द्र जैन ने सुनाया। एक दिन वीरेन्द्र जैन उनसे मिलने गए और जल्दी वापस जाने लगे। अटल जी ने पूछा कि कहां जाने की जल्दी है। वीरेन्द्र जैन ने कहा कि हिंदी अकादमी प्रभाष जी को सम्मानित कर रही है उस समारोह में जाना है।

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