The Diary Of West Bengal Review: ऐसे खुश नहीं होते सियासी आका, सिनेमा से सॉफ्ट पॉवर हासिल करने का गलत फॉर्मूला
|हिंदीभाषी क्षेत्रों में बरसात के मौसम की सबसे आम कहावत है, जो गरजते हैं, वो बरसते नहीं हैं। एक खास समुदाय को निशाने पर लेने के लिए फिल्में बनाने निकले हिंदी सिनेमा के बरसाती निर्माताओं का भी यही हाल है।
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