रिपोर्ट कहती है कि भारत में श्रमिकों को उनके कौशल के आधार पर न्यूनतम मेहनताना नहीं मिल  है। श्रमिकों के एक बड़े हिस्से, विशेष रूप से आकस्मिक श्रमिकों