ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्‍या रावलपिंडी स्थित सेना मुख्‍यालय और राजनीति सत्‍ता का केंद्र इस्‍लामाबाद के बीच दूरी बढ़ गई है? उनके बयान के आखिर