सदन में मौजूद सदस्यों ने मेज थपथपाकर उनका अभिनंदन किया। जब यह विधेयक पारित हुआ उस समय कोन्याक ही पीठासीन उपाध्यक्ष के रूप में आसीन थीं। उच्च सदन