राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दावा किया है कि राष्ट्रवादी सरकार के सत्ता संभालने के बाद अल्पसंख्यकों की असुरक्षा को लेकर चिल्लाना बातचीत का एक लोकप्रिय तरीका बन गया