SBI खाताधारकों के लिए 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे कई नियम और चार्जेस

नई दिल्ली
1 अक्टूबर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के खाताधारकों के लिए नए नियम लागू हो जाएंगे। इस महीने से एसबीआई में सेविंग्स अकाउंट कस्टमर्स को मिनिमम ऐवरेज बैलेंस बरकरार नहीं रखने पर कम चार्ज देना होगा। इसके अलावा एसबीआई ने अकाउंट बंद कराने पर लगने वाले कई चार्जेस को भी हटा लिया है।

अक्टूबर की पहली तारीख से एसबीआई के असोसिएट बैंकों के पुराने चेक अमान्य हो जाएंगे। यानी वे बैंक जिनका एसबीआई में मर्जर हो चुका है उसकी चेकबुक अब किसी काम की नहीं रहेगी। एक ट्वीट में इसकी जानकारी देते हुए एसबीआई ने कहा, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ रायपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंक के खाताधारकों को नई चेक बुक के लिए आवेदन करना होगा।

ध्यान दें कि एसबीआई के साथ मिले असोसिएट बैंकों के आईएफएस कोड भी अमान्य हो चुके हैं। एसबीआई ने अकाउंट क्लोजर पर लगने वाले चार्जेस को भी पूरी तरह खत्म कर दिया है। इसकी जानकारी भी ट्वीट कर देते हुए एसबीआई ने लिखा, ‘रेग्युलर सेविंग्स अकाउंट के बेसिक सेविंग्स अकाउंट में बदले जाने पर लगने वाला चार्ज (500 रुपये+ 18% जीएसटी) 1 अक्टूबर से नहीं लगेगा।’

अभी तक अगर आप एसबीआई में सेविंग्स अकाउंट खुलने के एक साल के बाद बंद करते थे तो उस पर 500 रुपये प्लस 18% जीएसटी चार्ज लगता था। कस्टमर्स को बड़ी राहत देते हुए एसबीआई ने मेट्रो शहरों में मासिक औसत बैलेंस को 5,000 रुपये से घटा कर 3,000 रुपये कर दिया है। साथ ही अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रहने पर लगने वाला चार्ज भी 50 प्रतिशत तक कम कर दिया है। इसके अलावा पेंशनर्स, सरकारी सुविधाएं पाने वाले कस्टमर्स और नाबालिगों के अकाउंट्स पर मिनिमम बैलेंस न होने पर लगने वाला चार्ज पूरी तरह खत्म कर दिया है।

अभी तक मिनिमम बैलेंस न होने पर मेट्रो शहरों के अकाउंट्स पर 50 से 100 रुपये प्लस 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था। अब यह कम होकर 30 से 50 रुपये हो जाएगा, साथ ही कई अकाउंट कैटिगरीज को इससे बाहर रखा गया है।

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