RBI, SEBI के साथ मिलकर काम कर रहा वित्त मंत्रालय
|वित्त मंत्रालय सुधार और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई और सेबी के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह बात वित्त मंत्रालय की ओर से कही गई है।
इकनॉमिक अफेयर्स सेक्रटरी शांतिकांता दास ने आज एक ट्वीट में उल्लेख किया कि एक्सटर्नल कमर्शल बॉरोइंग (ईसीबी) में नरमी बरतने का आरबीआई का कदम और आईपीओ के लिए संशोधित नियमों का नया सेट एवं सराफा की लिस्टम सुधार के कदम हैं।
दास ने ट्वीट किया, ‘वित्त मंत्रालय, आरबीआई और सेबी सुधार और स्थिरता के लिए मिलकर काम कर रहा है और इसे जारी रखेंगे।’
उन्होंने यह भी कहा कि ग्रीन बॉन्ड के लिए दिशानिर्देश पर चर्चा पत्र जारी करने का सेबी का निर्णय समय पर लिया गया है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रही जलवायु परिवर्तन चर्चा के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि इससे ‘भारत की प्रतिबद्धता’ झलकती है।
उन्होंने कहा, ‘सुधार और हमारी इकॉनमी के लिए बहुत ही संतोषजनक दिन। इस पर जोर देते हुए कठिन परिश्रम करना जारी रखेंगे।’
ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए आरबीआई ने ईसीबी नियमों में नरमी बरती है। इससे कंपनियों को 50 मिलियन डॉलर यानी करीब 350 करोड़ रुपये की राशि 3 साल की औसत मच्योरिटी अवधि के साथ छोटा मूल्य लोन जुटाने की छूट मिल जाएगी। इसके अलावा विदेशी कर्जदाताओं की लिस्ट को भी विस्तार दिया गया है।
बीएसई और एनएसई समेत स्टॉक एक्सचेंजों के लिए लिस्टेड कराने के मार्ग को आसान को बनाने के मकसद से मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने आईपीओ के लिए संशोधित नियमों के नए सेट को मंजूरी दी।
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