GPF, ऐसी दूसरी स्कीमों पर मिलेगा 7.8% ब्याज
|सरकार ने पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) की तरह अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जनरल प्रॉविडेंट फंड (GPF) और इससे जुड़ी अन्य स्कीमों पर 7.8 प्रतिशत इंट्रेस्ट रेट बनाए रखा है। जुलाई-सितंबर तिमाही में भी इन स्कीमों पर इंट्रेस्ट रेट इतना ही था।
वित्त मंत्रालय की तरफ से बुधवार को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया, ‘भारत सरकार ने ऐलान किया है कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान जनरल प्रॉविडेंट फंड (जीपीएफ) और ऐसे अन्य फंडों में जमा राशि पर 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2017 तक 7.8 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। यह केंद्र सरकार, रेलवे और डिफेंस फोर्स के इंप्लॉयीज पर भी लागू होगा। सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स की तरह पिछले महीने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए प्रॉविडेंट फंड पर इंट्रेस्ट रेट में कोई बदलाव नहीं किया था।
इससे रिटायरमेंट फंड संस्था ईपीएफओ पर प्रॉविडेंट फंड डिपॉजिट पर इंट्रेस्ट रेट कम करने का दबाव बन सकता है, ताकि इसे बाकी स्कीमों की बराबरी में लाया जा सके। ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज अगले महीने होने वाली बैठक में वित्त वर्ष 2018 के लिए इंट्रेस्ट रेट पर विचार कर सकता है।
ईपीएफओ ने 2016-17 के लिए 8.65 फीसदी इंट्रेस्ट रेट देने का ऐलान किया था, जबकि 2015-16 में इस पर ब्याज दर 8.8 प्रतिशत थी। वित्त मंत्रालय पीपीएफ और ऐसी अन्य स्कीमों पर रिटर्न कम होने के कारण श्रम मंत्रालय से ईपीएफ इंट्रेस्ट रेट को तर्कसंगत बनाने के लिए कह रहा है। ईपीएफओ के पास 5 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं।
सरकार आमतौर पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की तरफ से मंजूर रेट को मान लेती है, क्योंकि ईपीएफओ स्वायत्तशासी संस्था है और अपनी इनकम से ईपीएफओ डिपॉजिट पर इंट्रेस्ट मुहैया कराता है। परंपरा यह है कि बोर्ड के फैसले पर वित्त मंत्रालय मुहर लगाती है। इससे पहले मंत्रालय देखता है कि क्या ईपीएफओ अपनी इनकम से उतना ब्याज दे पाएगी? वित्त मंत्रालय की तरफ से इंट्रेस्ट रेट को मंजूरी मिलन के बाद उस वित्त वर्ष के लिए ब्याज ईपीएफओ मेंबर्स के खाते में क्रेडिट हो जाता है।
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