FIR के बाद PGIMS में हड़कंप
|एनबीटी न्यूज, रोहतक पं. बीडी शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी (पीजीआईएमएस, रोहतक) में मां और नवजात शिशु की कथित रूप से डॉक्टरों की मारपीट की वजह से मौत के केस में एफआईआर दर्ज होते ही कार्यवाहक डायरेक्टर डॉ. केबी गुप्ता ने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। पीजी और इंटर्न काम छोड़कर बैठक में हैं। सीनियर ऑफिसर्स की बैठक भी रात तक जारी है। कोई रास्ता न निकलता देख एक बार फिर हड़ताल का हथियार आजमाने की तैयारी है। पीजीआईएमएस के गायनी विभाग में सोमवार रात को जींद जिले के खरकरामजी गांव के सुनील की पत्नी नीलम और उसके नवजात शिशु की मौत के मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आदेश पर एफआईआर दर्ज होते ही हड़कंप मच गया है। हालांकि, गुरुवार को हुई शिनाख्त परेड़ में दो पीजी स्टूडेंट्स और एक गार्ड की पहचान किए जाने के बावजूद एफआईआर में किसी का नाम नहीं लिखा गया है। शुक्रवार दोपहर को पीजी इकट्ठा होकर एमएस ऑफिस में पहुंचीं। आरोपी पीजी यहां डायरेक्टर डॉ. केबी गुप्ता और एमएस डॉ. अशोक चौहान के सामने रोने लगीं। बाद में पीजी का प्रतिनिधिमंडल वीसी डॉ. वीके जैन से भी मिलने गया। हड़ताल की घोषणा नहीं, लेकिन काम बंद सुबह से ही पीजी हड़ताल की धमकी दे रहे थे। देर शाम पीजी और इंटर्न विजय पार्क में जमा हो गए और पीजीआईएमएस में हड़ताल का शोर मच गया। इस बीच किसी ने सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन को लेकर एमसीआई के हाल ही में आए एक लेटर की याद दिलाई गई जिसमें डॉक्टरों की हड़ताल गैरकानूनी मानी जा सकती है। इसके बाद रणनीति बदल दी गई और हड़ताल की तकनीकी घोषणा करने के बजाय पीजी और इंटर्न किसी दूसरी जगह पर जमा हो गए। वीसी के बाद डायरेक्टर पर पड़ी मुसीबत शुक्रवार को खबर आई कि डायरेक्टर डॉ. केबी गुप्ता ने कार्यवाहक वीसी वीके जैन को अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। उन्होंने इसके पीछे अपने स्वास्थ्य को वजह बताया है पर इसे सरकार से नाराजगी और डॉक्टर बिरादरी की सिम्पेथी हासिल करने की कोशिश से ही जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि वीसी और डायरेक्टर दोनों ही इस पद पर चंद दिनों के मेहमान हैं। देर शाम डायरेक्टर डॉ. गुप्ता के ऑफिस में ही वीसी समेत तमाम नए-पुराने अधिकारी, अधिकांश विभागों के हेड और सीनियर डॉक्टर्स जमा हैं। उधर, डायरेक्टर डॉ. गुप्ता और एमएस डॉ. चौहान ने पत्रकारों से बात करते हुए मां व नवजात की मौत के मामले में ज्यादा कुछ कहने से इनकार कर दिया। पीजीआईएमएस अधिकारियों के पास इस बात का कोई संतोषजनक जवाब नहीं था कि सोमवार रात में इतना हंगामा होने, गंभीर आरोप होने, पुलिस को शिकायत दे दिए जाने और हेल्थ मिनिस्टर के जांच के आदेश के बावजूद शव को पोस्टमॉर्टम के बिना ही परिजनों को दे दिया गया। पुलिस के पास भी इस बात का कोई जवाब नहीं है कि आखिर इतने गंभीर मसले में पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं किया गया। अब एफआईआर दर्ज कर नए सिरे से जांच कर रही पुलिस पीड़ित परिवार को बयान दर्ज करने की तैयारी में है।
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