AAP में डर्टी हुई पॉलिटिक्स, यादव-भूषण को ‘जबरन निकाला’
| I hear funny news about the PAC accepting our resignation. Will my colleagues please produce a copy of the resignation letter? — Yogendra Yadav (@AapYogendra) March 26, 2015 गुरुवार को पीएसी की बैठक के बाद आप नेता कुमार विश्वास ने कहा कि यादव और भूषण ने 17 मार्च को ही 5 शर्तों के साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी से अपना इस्तीफा दे दिया था। बैठक में उनकी मांगें और इस्तीफा दोनों स्वीकार कर लिए गए। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस पर कुछ अलग ही कहा। सिसोदिया ने कहा कि मांगें माने जाने के बावजूद दोनों केजरीवाल के संयोजक पद से इस्तीफे पर अड़े हुए थे, जिससे बातचीत फेल हो गई। वहीं पार्टी के प्रवक्ता आशीष खेतान ने भी भूषण और यादव पर सीधा हमला बोला। खेतान ने कहा कि योगेंद्र यादव कमरे में कुछ और बाहर कुछ और बोलते हैं। असली मुद्दा यह है कि अरविंद केजरीवाल को कमजोर करना है। विश्वास ने कहा कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने इस्तीफे के साथ पांच शर्तें रखी थीं, जिन्हें स्वीकार कर लिया गया। मांगों के बारे में बताते हुए विश्वास ने कहा, ‘योगेंद्र यादव ने मांग रखी थी कि राज्यों में भी चुनाव की व्यवस्था देखी जाए। पार्टी ने उनकी यह मांगी स्वीकार कर ली और मुझे महाराष्ट्र का प्रभार सौंपा गया है।’ दूसरी मांग कार्यकर्ताओं की सुनवाई से संबंधित थी, जिसके लिए परफॉर्मा तैयार कर लिया गया है। तीसरी मांग राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों की संख्या बढ़ाने की थी। उनकी यह मांग भी मान ली गई और दोनों ओर से मिले आठ नामों पर सहमति हुई। विश्वास ने कहा कि योगेंद्र यादव कि चौथी मांग उन्हें हरियाणा का प्रभार देने की थी, जो मान ली गई। वह नवीन जयहिंद को हरियाणा में नहीं चाहते थे, इसलिए उन्हें दिल्ली बुलाने का फैसला लिया गया है। जयहिंद ने पार्टी का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही योगेंद्र यादव ने किसान आंदोलन लीड करने की इच्छा जताई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। विश्वास ने कहा कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने कहा था कि सिर्फ उन दोनों के राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर आने पर अजीब लगेगा। इस पर मैंने और संजय सिंह ने भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पीएसी से बाहर आने की पेशकश की। विश्वास ने कहा कि पिछली मीटिंग में भूषण ने पांच साल केजरीवाल पर सवाल उठाया था। पार्टी इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं है। नैशनल काउंसिल की बैठक में 28 मार्च को इस पर फैसला किया जाए।
आम आदमी पार्टी के अंदर अरविंद केजरीवाल बनाम योगेंद्र यादव- प्रशांत भूषण की लड़ाई अब ‘डर्टी पॉलिटिक्स’ में बदलती दिख रही है। गुरुवार रात आप की पीएसी की बैठक के बाद इस पूरे विवाद में एक नाटकीय मोड़ आ गया। आम आदमी पार्टी ने बैठक के बाद कहा कि यादव और भूषण ने 5 मांगों के साथ 17 मार्च को ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। वहीं कुछ ही देर बाद योगेंद्र यादव ने इसका खंडन कर डाला। यादव ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से उनके इस्तीफे और मांगों की बात को हास्यास्पद करार देते हुए पार्टी को सबूत दिखाने की चुनौती दे डाली है।
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