केंद्र और बीजेपी पर आप का ट्रिपल अटैक
| नई दिल्ली आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को बीजेपी और केंद्र सरकार पर तीन तरफ से हमला बोला। आप नेताओं ने जहां दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के मसले पर बीजेपी के कथित यू-टर्न को लेकर सवाल उठाए, तो वहीं एमसीडी में करप्शन का मसला उठाते हुए ऐंटी करप्शन ब्रांच को कमजोर करने की केंद्र की कोशिशों को लेकर भी अटैक किया। इसके अलावा 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपियों को बचाने की कोशिश करने का आरोप भी केंद्र से लगाया। आप नेता आशुतोष, दिलीप पांडे और राजौरी गार्डन के विधायक जरनैल सिंह समेत तमाम नेताओं ने गुरुवार को एकसाथ कई मुद्दे उठाकर प्रदेश और केंद्रीय स्तर पर बीजेपी नेतृत्व को घेरने की कोशिश की। आप नेताओं ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर केंद्र सरकार के इनकार संबंधी मीडिया रिपोर्ट्स से यह साफ है कि बीजेपी 22 सालों से लगातार झूठ बोलती आ रही थी। आप नेताओं ने कहा कि इस वक्त केंद्र में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का अपना वादा पूरा करने के लिए बीजेपी के पास इससे सुनहरा और कोई अवसर नहीं था, लेकिन बीजेपी का अपने वादे से यू-टर्न लेना दर्शाता है कि वह महज जनता की आंखों में धूल झोंक रही थी। सत्ता में आते ही बीजेपी ने रंग बदल लिया और अब दिल्ली के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। आप नेताओं ने मांग की कि बीजेपी नेता इस मसले पर अपना रुख साफ करें। आप नेताओं ने बीजेपी और केंद्र सरकार से 7 सवालों के माध्यम से यह पूछा है कि क्या बीजेपी इस मसले पर झूठ बोल रही थी या फिर उसे नौकरशाहों पर ज्यादा भरोसा है, जो सरकार को यह सुझाव देते रहे हैं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। इसके अलावा आप नेताओं ने सिविक सेंटर स्थित नॉर्थ एमसीडी के मुख्यालय समेत 2 अन्य जगहों पर सीबीआई द्वारा छापेमारी कर फर्जी तरीके से बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने के घोटाले का खुलासा होने को लेकर भी बीजेपी के नेतृत्व वाली नगर निगमों की कार्यप्रणाली और उनमें फैले भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। आप नेताओं ने कहा कि इन दिनों केंद्र सरकार और बीजेपी की लीडरशिप ऐंटी करप्शन ब्यूरो से घबराई हुई है, क्योंकि उन्हें पता है कि अगर दिल्ली सरकार के तहत एसीबी स्वतंत्र रूप से काम करती रही, तो एमसीडी से फैले भ्रष्टाचार की परतें खुलती चली जाएंगी और दलालों, एजेंटों और उनके राजनीतिक मास्टरों की दुकानें बंद हो जाएंगी। इसी वजह से केंद्र एसीबी की पावर कम करने और उसे दिल्ली सरकार से छीनने में लगी हुई है। उधर आप विधायक जरनैल सिंह ने यूपीए सरकार की तरह बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार पर भी 1984 के सिख विरोधी दंगों और 2002 के गुजरात दंगों के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूपीए की तरह एनडीए सरकार का भी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने में कोई इंट्रेस्ट नहीं है।
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