‘चंदू चैंपियन’ की स्पेशल स्क्रीनिंग:सितारों का जमावड़ा; अनन्या, विद्या बालन और सुनील शेट्टी मौजूद रहे; जिनपर फिल्म बनी..वो मुरलीकांत पेटकर भी नजर आए

बीती रात मुंबई के BKC स्थित जियो वर्ल्ड सेंटर में कार्तिक आर्यन की फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई। फिल्म इंडस्ट्री के कई सितारों ने इस स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया। सुनील शेट्टी, विद्या बालन, टाइगर श्रॉफ, अनन्या पांडे, शनाया कपूर, अलाया एफ सहित कई स्टार्स फिल्म देखने पहुंचे। इसके अलावा फिल्म से जुड़े लोग भी मौजूद रहे। कार्तिक आर्यन के अलावा फिल्म के डायरेक्टर कबीर खान और प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला भी स्पेशल स्क्रीनिंग में पहुंचे। खास बात यह है कि जिनके ऊपर फिल्म बनी है, वो मुरलीकांत पेटकर भी स्क्रीनिंग में पहुंचे। फिल्म चंदू चैंपियन उनके साहस की कहानी बयां करती है। स्क्रीनिंग में पहुंचे सेलेब्स की फोटोज पर नजर डालते हैं.. हमेशा कॉमिक और रोमांटिक रोल करने वाले कार्तिक आर्यन पहली बार किसी बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म में दिखे हैं। मुरलीकांत पेटकर के रोल में उनकी मेहनत साफ झलकती है। फिल्म की शुरुआत 1950 के दशक से होती है। महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में एक लड़के मुरलीकांत पेटकर (कार्तिक आर्यन) का जन्म होता है। उनका बचपन से एक ही सपना होता कि देश को ओलिंपिक में मेडल दिलाना। वो दारा सिंह के फैन हैं, इसलिए पहलवानी करना शुरू करते हैं। हालांकि मुरली का पहलवानी करना उनके घर वालों को पसंद नहीं आता है। गांव के भी कुछ संभ्रांत लोग मुरली को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहते हैं। मुरलीकांत गांव से भाग जाते हैं। वो भागते हुए एक ट्रेन पर चढ़ जाते हैं। उस ट्रेन में मुरली को गरनैल सिंह नाम का एक शख्स मिलता है, जो आर्मी जॉइन करने के लिए जा रहा होता है। वो मुरली को सलाह देता है कि अगर उन्हें ओलिंपिक में जाना है तो पहले आर्मी जॉइन कर ले। उसकी बात मानकर मुरली आर्मी जॉइन कर लेते हैं। कुछ समय बाद उन्हें पता चलता है कि ओलिंपिक में पहलवानी जैसा कोई खेल नहीं होता, इसलिए इससे मिलता जुलता कॉम्पिटिशन बॉक्सिंग में अपना ध्यान लगाते हैं। मुरलीकांत, अली सर (विजय राज) के अंडर में ट्रेनिंग स्टार्ट करते हैं। यही अली सर मुरली की सफलता में सबसे बड़ा रोल निभाते हैं। इसी बीच मुरलीकांत, गरनैल सिंह और अली सर की पोस्टिंग कश्मीर में हो जाती है। यहीं से सब कुछ बदल जाता है। पाकिस्तान की सेना अचानक से हमला कर देती है। इस युद्ध में मुरलीकांत को 9 गोलियां लगती हैं, फिर भी वो बच जाते हैं। हालांकि, उनका ओलिंपिक जाने का सपना अधूरा लगने लगता है, क्योंकि उनका आधा शरीर पैरालाइज हो जाता है। इसी बीच मुरलीकांत की मुलाकात दोबारा अली सर से होती है। अली सर मुरली के अंदर एक बार फिर से उम्मीद जगाते हैं। बॉक्सिंग न सही, वो मुरली को तैराकी में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस तरह मुरलीकांत पेटकर पैरालिंपिक में भारत की तरफ से हिस्सा लेने जाते हैं। हालांकि उनका सफर वहां भी आसान नहीं होता। आगे क्या होता है, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी। पूरा रिव्यू पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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