कोल ब्लॉक नीलामी के लिए नरम होंगे नियम
| सरिता सिंह, नई दिल्ली कोल मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय माइंस के लिए इनवेस्टमेंट शर्तों में ढील देने पर विचार कर सकता है। कोल ब्लॉक्स के लिए अगले दौर की नीलामी इसी महीने होनी है। नीलामी की पहली खेप के दौरान कोल मिनिस्ट्री ने स्टील, सीमेंट और पावर कंपनियों से जुड़े वैसे प्लांट्स के लिए कोल ब्लॉक ऑफर किए हैं, जहां 80 फीसदी निवेश हो चुका है। एंड यूज प्रोजेक्ट्स में जहां 60 फीसदी निवेश हो चुका है, उनसे जुड़ी इकाइयां दूसरे दौर की कोयले की नीलामी में हिस्सा लेने के योग्य हैं। इन कोल ब्लॉक्स के जल्द ऑपरेशनल होने की उम्मीद है। एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, ‘कुछ ऐसी माइंस हैं, जिनका प्लान तैयार है, लेकिन इसमें ज्यादातर को रेगुलेटरी मंजूरी नहीं मिली है। हो सकता है कि जब तक निवेश शर्तों में ढील नहीं दी जाए, तब तक कंपनियां इसे आकर्षिक नहीं मानें।’ दूसरे दौर की नीलामी के तहत सरकार छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में तकरीबन 20 कोल माइंस की पेशकश करेगी। इनमें आधी कोल माइंस के पावर सेक्टर के लिए रिजर्व रहने की उम्मीद है। इन ब्लॉक्स में इचापुर और नॉर्थ करापुरा की माइंस शामिल हैं, जहां कोयले का रिजर्व क्रमश: 33.5 करोड़ और 21.2 करोड़ टन है। बिजहान में 13 करोड़ टन कोयले का रिजर्व है और गारे पाल्मा IV/6 में 15.8 करोड़ टन का रिजर्व है। कोयला सेक्रेटरी अनिल स्वरूप ने बुधवार को बताया कि केंद्र सरकार ने कोल माइंस से जुड़े राज्यों को 466 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। यह राशि बिडर्स से ऑक्शन की खातिर तत्काल पेमेंट के तौर पर मिली है। उन्होंने बताया, ‘कोल ब्लॉक्स ऑक्शन में बिडर्स से मिली तत्काल रकम के तहत 466 करोड़ रुपये की पहली खेप राज्यों को गई है।’ स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘केंद्र सरकार के लिए इसमें रेवेन्यू का बिल्कुल फायदा नहीं। कोल ब्लॉक ऑक्शन की पूरी राशि राज्यों को जाएगी। संघीय ढांचे का बेहतरीन नमूना।’ प्राइवेट और सरकारी कंपनियों को कोल ब्लॉक्स की नीलामी के जरिए अगले 30 साल में राज्यों को 3.35 लाख करोड़ रुपये हासिल होने की उम्मीद है। सरकार ने दो खेप में प्राइवेट कंपनियों के लिए 33 कोल ब्लॉक्स की नीलामी की है, जिससे 2 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा रकम हासिल हुई है। कोल मिनिस्ट्री ने 38 माइंस का आवंटन केंद्र और राज्य सरकार की कंपनियों को किया। इनमें एनटीपीसी, दामोदर वैली कॉरपोरेशन और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी शामिल हैं।
कोल मिनिस्ट्री ऑक्शन के अगले दौर में शर्तों में थोड़ा ढील देने पर विचार कर रही है। कोयला नीलामी के अगले दौर में तकरीबन 20 कोल ब्लॉक्स की नीलामी होनी है। इन ब्लॉक्स में तकरीबन तीन अरब टन कोयले का रिजर्व होने का अनुमान है।
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