पीएम मोदी की अपील पर सिर्फ 4 फीसदी यूजर्स ने छोड़ी एलपीजी सब्सिडी
|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर करीब 4 फीसदी कुकिंग गैस यूजर्स ने ही एलपीजी सब्सिडी छोड़ी है। अगर राज्यों के आधार पर बात करें तो इस आंकड़े में काफी उतार-चढ़ाव नजर आता है। दरअसल एलपीजी सब्सिडी को छोड़ने के मामले में सबसे आगे उत्तर-पूर्व के राज्य रहे हैं। मिजोरम में 14 फीसदी, नगालैंड में 12 फीसदी और मणिपुर में 10 फीसदी कस्टमर्स ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ी है। इस क्षेत्र के बाहर अगर किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने 10 फीसदी का आंकड़ा पार किया है तो वह है दिल्ली, जिसमें 12 फीसदी एलपीजी यूजर्स ने सब्सिडी छोड़ी है।
बता दें कि मार्च, 2015 में पीएम मोदी ने समाज के संपन्न तबकों से स्वेच्छा के साथ एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी। उस दौरान पीएम ने कहा था कि इससे सरकार को और अधिक गरीबों तक फायदा पहुंचाने में मदद मिलेगी। भारत के बड़े राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र में एलपीजी छोड़ने वाले 6 फीसदी उपभोक्ता हैं। इसके अलावा अन्य बड़े राज्यों (कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और पंजाब) में यह आंकड़ा 5 फीसदी का है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ये आंकड़े 4 फीसदी तक ही सीमित रहे।
इसके अलावा बिहार, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में 3 फीसदी उपभोक्ताओं ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ी है। जबकि पश्चिम बंगाल में ये आंकड़े 2 फीसदी और आंध्र प्रदेश में 1 फीसदी से भी कम रहे। यहां तक कि पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में भी सिर्फ 4 फीसदी एलपीजी यूजर्स ने सब्सिडी छोड़ी है।
बता दें कि साल 2016 में एलपीजी सब्सिडी छोड़ने वाले लोगों का आंकड़ा 1 करोड़ की संख्या को पार कर गया था। मगर तब से अगले दो सालों में सिर्फ 4 लाख कस्टमर्स ने ही यह सब्सिडी छोड़ी। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जिन 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने सब्सिडी छोड़ी है, उनमें वे लोग शामिल नहीं हैं जो अब पाइप्ड नैचरल गैस प्रयोग करने लगे हैं।
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