अमेरिका के खिलाफ अकेले ही WTO जा सकता है भारत
|स्टील और ऐल्युमिनियम प्रॉडक्ट्स पर अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाए जाने के खिलाफ भारत का रुख सख्त है। नए नियम से यूरोपीय यूनियन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और मैक्सिको को छूट दिए जाने के बाद भारत अकेले ही वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) जाने को तैयार है। इस तरह के विवादों को WTO में निपटाया जाता है।
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सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सरकार को पहले यूरोपीय यूनियन के साथ की उम्मीद थी, जिसने अमेरिका को ऐक्शन की चेतावनी दी थी और उसके WTO जाने की संभावना थी। लेकिन यूरोपीय यूनियन को इस वृद्धि से बाहर किए जाने के बाद सरकार को अपनी रणनीति बदलनी होगी। एक अधिकारी ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर यह बात कही।
मंगलवार को राजधानी में जब 50 देशों के व्यापार मंत्री और राजदूत मिले तो ब्राजील, साउथ कोरिया, जापान और यूरोपीय यूनियन ने नाम लिए बिना अमेरिकी कार्रवाई पर सवाल उठाए। केवल नॉर्वे ने ही अमेरिकी ऐक्शन का विरोध करते हुए इसका नाम लिया।
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आधिकारिक तौर पर सरकार ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर कानूनी सलाह ले रही है। जिन जानकारों और पूर्व व्यापार अधिकारियों से संपर्क किया गया है उन्होंने अथॉरिटीज को मजबूत रुख अपनाने की सलाह दी है। हालांकि, भारत का स्टील और ऐल्युमिनियम निर्यात में अधिक हिस्सा नहीं है।
यह मुद्दा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि अमेरिका भारत को आधे दर्जन निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के लिए WTO में घसीटने की धमकी दे रहा है। उसका तर्क है कि सरकार निर्यात पर सब्सिडी दे रही है, जोकि ग्लोबल ट्रेड रूल्स के खिलाफ है और अमेरिकी कारोबार-कामगारों को प्रभावित कर रहा है।
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