विदेश भागने की अफवाहों के बीच बोले विडियोकॉन के चेयरमैन, देश में ही हूं मैं
|विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने अपनी कंपनियों पर 20,000 करोड़ रुपये के कर्ज के कारण बैंकों की जांच से बचने के लिए देश से फरार होने की रिपोर्टों को गुरुवार को गलत बताया। उन्होंने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स से कहा, ‘मैं भारत में ही हूं और मेरा देश से बाहर जाने का कोई इरादा नहीं है। मैं यहां बहुत खुश हूं और पिछले पांच वर्षों में भारत से बाहर नहीं गया हूं।’
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने जनवरी के पहले सप्ताह में विडियोकॉन इंडस्ट्रीज को बैंकरप्सी कोर्ट में भेजने की सिफारिश की थी। इसका कारण कंपनी के कर्ज का मामला 31 दिसंबर तक सुलझाने में बैंकों की नाकामी थी।
लेंडर्स के समूह ने कर्ज के निपटान की एक विस्तृत योजना लागू करने के मकसद से विडियोकॉन इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरीज को भी बैंकरप्सी कोर्ट में ले जाने का फैसला किया था।
इन सभी कंपनियों के लिए KPMG को रिजॉल्यूशन प्रफेशनल नियुक्त किया गया है। विडियोकॉन की सब्सिडियरीज मैन्युफैक्चरिंग, कंज्यूमर गुड्स की सेल और डिस्ट्रीब्यूशन जैसे कारोबारों से जुड़ी हैं।
धूत ने ईटी को बताया कि वह लेंडर्स की रकम चुकाने के लिए योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं बैंकों की बकाया रकम का प्रत्येक रुपया चुकाने की पूरी कोशिश करूंगा।’
धूत ने बकाया रकम चुकाने के बेहतर विकल्प सुझाने के लिए फाइनैंशल एक्सपर्ट्स की एक टीम हायर की है। इन विकल्पों में कंपनी के एसेट्स की बिक्री भी शामिल है। कंपनी की योजनाओं की जानकारी रखने वाले एक एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘विडियोकॉन ग्रुप अपने ऑयल बिजनस को बेचकर कर्ज चुकाने की कोशिश कर सकता है। अगर ऑयल प्राइसेज में तेजी आती है तो कर्ज चुकाने में आसानी होगी।’
विडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने 2015 में ब्राजील में ऑयल एसेट्स को मैनेज करने के लिए भारत पेट्रोलियम कॉर्प (BPCL) की यूनिट के साथ IBV ब्राजील पेट्रोलिओ नाम का एक जॉइंट वेंचर बनाया था। इसमें विडियोकॉन और BPCL की यूनिट प्रत्येक की 20 पर्सेंट और ब्राजील की पेट्रोब्रास की 60 पर्सेंट हिस्सेदारी है।
विडियोकॉन को कर्ज देने वाले लेंडर्स ने ईटी को बताया है कि विडियोकॉन का मामला नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) में है और कानून अपना काम करेगा।
एक बैंकर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि प्रमोटर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह देश से नहीं भाग रहे। विडियोकॉन का मामला अभी NCLT में है और इसका रिजॉल्यूशन इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड (IBC) प्रॉसेस के तहत किया जाएगा।’
विडियोकॉन पर लेंडर्स की 20,000 करोड़ रुपये से अधिक रकम बकाया है। इसमें एसबीआई की बकाया रकम 3,900 करोड़ रुपये की है।
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