अमेरिकी गोलीबारी: हमलावर ने शूटिंग से पहले बजाया था फायर अलार्म, क्लासरूम से बाहर आ गए थे छात्र
|मियामी के उत्तर-पश्चिम में करीब एक घंटे की दूरी पर स्थित पार्कलैंड में एक हथियारबंद युवक ने बुधवार को उस स्कूल में मौत का तांडव किया, जहां वह खुद पढ़ चुका था। हमलावर ने इस दिल दहलाने वाली वारदात को अंजाम देने से पहले स्कूल में फायर अलार्म बजाया था, जिसके बाद सभी स्टूडेंट अपने-अपने क्लासरूम्स से बाहर आ गए थे। इस भीषण गोलीबारी में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। कई घायल हैं। अधिकारियों के मुताबिक मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। अचानक गोलीबारी की वजह से अपने-अपने क्लासरूम में मौजूद छात्रों में दहशत फैल गई।
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कुछ छात्रों ने अपने मोबाइल फोन में इस खौफनाक मंजर को कैद भी किया है। स्कूल गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज रहा था, हर तरफ चीख-पुकार मची हुई थी। जगह-जगह शव बिखरे हुए थे। मरने वालों में छात्रों के साथ-साथ वयस्क भी हैं। इनमें से कुछ को स्कूल के बाहर गोलियां लगीं तो कुछ को 3 मंजिला इमारत के भीतर गोलियां लगीं।
19 साल का हमलावर निकोलस क्रूज सेमीऑटोमैटिक AR-15 राइफल से लैस था। अधिकारियों ने बताया कि क्रूज को स्कूल से निकाल दिया गया था। बुधवार को स्कूल में सबकुछ सामान्य चल रहा था। कुछ ही देर में छुट्टी होने वाली थी लेकिन उससे पहले ही स्कूल गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। पूर्व छात्र होने की वजह से हमलावर स्कूल के चप्पे-चप्पे से भली-भांति परिचित था। उसने छात्रों और टीचर्स पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हमले के एक विडियो में एक छात्र बदहवाशी की हालत में चिल्लाता हुआ सुनाई दे रहा है। विडियो में 40 से ज्यादा बार फायरिंग की आवाज सुनाई दे रही है।
स्कूल के भीतर 12 लोगों की मौत हुई है। 3 लोग स्कूल के बाहर मारे गए, इनमें से एक गली के कोने पर खड़ा था। अधिकारियों के मुताबिक 2 घायलों ने स्थानीय अस्पताल में इलाज के दौरान दम तो़ दिया। स्कूल के भीतर का नजारा दिल दहला देने वाला है। फर्श पर चारो तरफ खून के दाग लगे हुए हैं, दीवारों में गोलियों से बने छेद के निशान हैं। तमाम कंप्यूटरों के स्क्रीन टूटकर यहां-वहां बिखरे हुए हैं।
शेरिफ (पुलिस अधिकारी) इजरायल ने इसे विनाशकारी बताया है। इजरायल के तीन बच्चों ने इसी स्कूल से पढ़ाई की थी। उन्होंने कहा, ‘मैं निःशब्द हूं। वाकई, मेरे पास कहने के लिए कोई शब्द नहीं है।’
नरसंहार के बाद हमलावर क्रूज फरार हो गया था। वारदात के कुछ घंटे बाद में उसे नजदीकी शहर कोरल स्प्रिंग से गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के बाद वह स्टूडेंट्स की भीड़ में शामिल होकर फरार हो गया। शेरिफ इजरायल ने बताया कि क्रूज के पास अनगिनत मैगजिंस थी।
फ्लॉरिडा के सेनेटर बिल नेल्सन ने एक इंटरव्यू में बताया कि हमलावर पूरी तरह तैयार होकर आया था। नेल्सन ने एफबीआई के हवाले से बताया, ‘हमलावर ने गैस मास्क पहना हुआ था। उसके पास स्मोक ग्रेनेड भी थे। हमला करने से पहले उसने फायर अलार्म बजाया था, जिसके बाद स्टूडेंट्स आग की आशंका से अपने-अपने क्लासरूम से बाहर आ गए थे। इसी दौरान उसने गोलियां बरसाईं।’ कई स्टूडेंट्स ने बताया कि फायर अलार्म सुनकर उन्हें अजीब लगा क्योंकि उन्होंने दिन में फायर ड्रिल किया था।
क्रूज ने हमला क्यों किया, अभी इसके बारे में पता नहीं चल सकता है। शेरिफ इजरायल ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि हमलावर का उद्देश्य क्या था। उन्होंने बताया कि मरने वालों में एक फुटबॉल कोच भी शामिल है। वहीं घायलों में डेप्युटी शेरिफ का एक बेटा भी शामिल है।
स्कूल में मैथ के टचीर जिम गैर्ड ने बताया कि निकोलस क्रूज 2016 में उनका छात्र था। तब वह एक ‘शांत’ छात्र हुआ करता था। ग्रैड ने कहा कि गोलीबारी के बाद उन्हें कई छात्रों ने बताया कि क्रूज स्कूल की ही एक लड़की से एकतरफा प्यार करता था और कभी-कभार उस लड़की का पीछा भी करता था।
यह गोलीबारी अमेरिका में इससे पहले स्कूलों में हुई 2 सबसे भीषण गोलीबारियों की याद दिलाता है। 199 में डेनवर में एक स्कूल के बाहर हुई गोलीबारी में 12 स्टूडेंट्स और एक टीचर की मौत हुई थी। इसी तरह 2012 में न्यूटाउन के एक एलिमेंटरी स्कूल में हुई गोलीबारी में 20 छात्रों के साथ-साथ 6 वयस्कों की मौत हुई थी।
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